फाल्गुन शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११५
राजस्थान में कांग्रेस के वयोवृद्ध विधायक भंवर लाल शर्मा ने पार्टी छोड़ दी। साथ ही उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सिरे से नकारते हुए कहा कि वह नेता नहीं है। उन्हें जबरन ऊपर से थोप दिया गया है। माना जा रहा है कि शर्मा अपने एक रिश्तेदार को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस टिकट न मिलने से नाराज थे। ९ मार्च को उन्होंने नई दिल्ली में राजस्थान की मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया से मुलाकात की थी। उसके बाद से ही उनके कांग्रेस छोड़ने के कयास लगने लगे थे।
६९ साल के शर्मा छह बार विधायक रह चुके हैं। इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने कहा कि अभी राजस्थान विधानसभा में २०० में कांग्रेस के २१ विधायक हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद यह संख्या और घट सकती है। शर्मा ने कहा कि पार्टी आलाकमान के रवैये के चलते बहुत से विधायक घुटन महसूस कर रहे हैं और जल्द ही पार्टी छोड़ने का फैसला कर सकते हैं।
शर्मा के अलावा कांग्रेस के एक और बुजुर्ग नेता सोना राम चौधरी ने भी पिछले दिनों राजे से मुलाकात की। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनावों के बाद लोकसभा चुनावों में भी राजस्थान में कांग्रेस की बुरी गत होने जा रही है। इसलिए तमाम नेता नया ठिकाना तलाशने में जुट गए हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस ने परखे हुए नेता ही मोर्चे पर उतारे हैं। जितेंद्र सिंह, इज्यराज सिंह, हरीश चौधरी। गिरिजा व्यास और शंकर पन्नू का टिकट फाइनल कर दिया गया है। इसके अलावा ज्योति मिर्धा और सचिन पायलट का नाम भी कमोबेश तय है। फिलहाल इस पर बहस हो रही है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी को लोकसभा चुनाव लड़ाया जाए या नहीं।
स्त्रोत : आज तक