हिन्दू्आेंको मन्दिर में दर्शन देने के लिए पैसे देने पडते है, तभी दुसरी आेर मुसलमानों को हज यात्रा के लिए सरकार सबसिडी देती है । हिन्दूआेंको अब अंतर्मुख होकर इसपर सोचना होगा । अगर यह स्थिती बदलनी है, तो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना अनिवार्य है । – हिन्दूजागृति
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त्र्यंबकेश्वर-नासिक : १२ ज्योतिर्लिंग में एक आद्य ज्योतिर्लिंग श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर में १७ अगस्त को श्रावणी सोमवार के उपलक्ष्य में भक्तोंकी भीड थी।
इस अवसर पर जो भक्त शीघ्र दर्शन करना चाहते हैं, उनसे ‘श्री त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ट्रस्ट, त्र्यंबकेश्वर’द्वारा २०० रुपए शुल्क लिया जा रहा था। उसी प्रकार आतंकवादविरोधी पथक एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन की सूचना के अनुसार मंदिर में १ जनवरी २०१५ से नारियल ले जाने के लिए प्रातिबंध लगाया गया है। इन दोनों कारणोंसे आनेवाले भक्तों में तीव्र असंतोष व्याप्त है।
इस विषय में मंदिर के पास खडे एक पुलिसकर्मी ने नाम न बताने की शर्तपर कहा कि अन्य दिन तो दर्शन के लिए ४५ मिनट लगते हैं। भीड के समय थोडा अधिक समय लगता है; परंतु वास्तव में दर्शन हेतु पैसे लेने की आवश्यकता नहीं है।
भक्त एवं उपस्थित साधुओंने कहा कि मंदिर में नारियल ले जाने पर प्रतिबंध लगाना चूक है। लोग आस्था से उनकी मनोकामना की पूर्ति हेतु यहां आते हैं। उनको इस प्रकार से रोकना चूक है। लोगोंकी आस्था का विचार करना चाहिए।
श्रावणी सोमवार होने से बडी संख्या में भक्त कुशावर्त तीर्थ में स्नान के लिए एकत्रित होते हैं। कुशावर्त में स्वयंभू श्री केदारेश्वर मंदिर के पास कुछ भक्तोंने जूते निकाल रखे थे एवं कुछ जूते पहनकर कुशावर्त तीर्थस्थान पर जा रहे थे। इस विषय में स्थानीय पालिका प्रशासनद्वारा सूचनाएं दी जा रही थीं। तब भी भक्त सुनने की स्थिति में नहीं थे। कुशावर्त तीर्थ के समीप स्वयंभू श्री केदारेश्वर मंदिर के पास कुछ पुलिस जूते पहन खडे थे। महिलाओंके लिए स्नान के उपरांत वस्त्र बदलने हेतु पर्याप्त व्यवस्था न करने से अडचन आ रही थी।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात