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कोका कोला एवं पेप्सीमें है अल्कोहल

आषाढ शु ११, कलियुग वर्ष ५११४

लंदन -ब्रिटिश समाचारपत्र ‘डेलीमेल’ के एक ब्यौरेके अनुसार फ्रान्सकी राजधानी पैरिसमें स्थित ‘नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ कन्जम्पशन’ के अभ्यासके अनुसार विश्वके लगभग ६ विख्यात शीतपेय निर्मिर्ति  करनेवाले प्रतिष्ठानोंके उत्पादनोंमें अल्कोहलकी मात्रा दिखाई दी है, जिसमें ‘पेप्सी’, ‘कोका कोला’ जैसे  विख्यात प्रतिष्ठानोंका भी समावेश है । विश्वमें सबसे लोकप्रिय शीतपेयके रूपमें पहचाने जानेवाले ‘कोका कोला’ एवं ‘पेप्सी’के एक लिटरमें लगभग १० मिलिग्राम अल्कोहल होनेकी जानकारी मिली है ।  इसका अर्थ इसमें ०.००१ प्रतिशत अल्कोहेल है । इतनी अल्प मात्रा होते हुए भी ‘डेलीमेल’ द्वारा कहा गया है कि इससे मुस्लिम धर्मियोंकी भावनाएं आहत हुई हैं । इस्लाम धर्ममें मद्य पीना मना है । उल्लेखनीय बात यह कि भारतमें ‘कोका कोला’ एवं ‘पेप्सी’ जैसे शीतपेय निर्माण करनेवाले  प्रतिष्ठानोके विरुद्ध  योगऋषि रामदेवबाबा अनेको बार आवाज उठाते हैं । योगऋषि रामदेवबाबासे लेकर पर्यावरणवादी नेत्री सुनिता नारायणतक सभीद्वारा शीतपेयको विषकी उपमा दी गई है । ‘पेप्सी’ एवं ‘कोका कोला’ प्रतिष्ठान सदैव इन आरोंपोंका खंडन करते हैं ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

 

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