फाल्गुन पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदू अपने धर्म एवं धर्मबंधुओंके विषयमें उदासीन होनेके कारण एवं बलवान हिंदु संगठन निष्क्रिय होनेके कारण ईसाईयोंको अवसर मिलता है । अब धर्माभिमानी हिंदुओंको चाहिए कि वे इसके विरुद्ध कृत्य सक्रिय हों !
चेन्नई – हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन करने हेतु नई नई संकल्पनाओंका उपयोग करनेमें तज्ञ मिशनरियोंद्वारा अब अल्पायु अनाथ, भीख मांगनेवाले एवं अपंग लडकियोंको आश्रय देनेका निमित्त कर उनपर ईसाई धर्मके संस्कार करने एवं पश्चात उनकी आयु १८ वर्ष होनेके उपरांत उनका धर्मपरिवर्तन करनेका षडयंत्र उजागर हो गया है ।
१. चेन्नईकी पश्चिम दिशामें ४० कि.मी. दूरीपर स्थित अलमअट्टी गांवमें फ्रान्सिस अल्फोन्स एवं अल्फोन्स नामक पिता–पुत्रोंने ‘होम फॉर लव’ मोहक नामसे वस्तिगृहका निर्माण कार्य किया है । रेवरेंड फ्रान्सिस अल्फोन्स अमेरिकाके बाइबल महाविद्यालयमें प्राध्यापक पदसे निवृत्त हो गए हैं ।
२. दोनोंने मार्गपर भीख मांगनेवाले तथा अभिभावकोंद्वारा छोडे गए अनाथ एवं अपंग लडकियोंको आश्रय देनेके निमित्त ‘होम फॉर लव’का निर्माण कार्य किया है । वहां उन्हें अच्छे वस्र, भोजन तथा शिक्षा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है । (हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन करनेवाले मिशनरियोंको पिछले १० वर्षोंमें ८१ सहस्र करोड रुपयोंसे अधिक धन विदेशसे उपलब्ध होनेके कारण उपरोक्त उपक्रमोंके लिए धनका अभाव प्रतीत नहीं होता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. इन अल्पायु लडकियोंके नाजूक मनपर बचपनसे ही ईसाई धर्मके संस्कार किए जाते हैं । उन्हें प्राप्त सभी सुखसुविधाएं इस येशुकी कृपासे ही प्राप्त हुई हैं, ऐसा उनके मनपर अंकित किया जाता है ।
४. कुछ समयके पश्चात ये लडकियोंकी आयु १८ वर्ष होनेपर उनका धर्मपरिवर्तन किया जाता है तथा आगे उनका उपयोग अन्य लोगोंका धर्मपरिवर्तन करने हेतु किया जाता है ।
५. ‘होम फॉर लव’में प्रथम ७ लडकियां थीं । तदुपरांत उनकी संख्या बढते बढते आज ८५ तक पहुंच गई है ।
६. उपरोक्त केवल एक उपक्रमका उदाहरण है । ऐसे सैकडों उपक्रम चालू हैं । इस भयानक परिस्थितिको सार्वजनिक कैसे करें, यह एक पेचीदा प्रश्न है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात