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यदि सनातन के ग्रंथों द्वारा ज्ञानप्रसार किया जाएगा, तो सर्वत्र हिन्दू धर्म का प्रसार होगा ! – महंत श्री उदयगिरी महाराज

श्रीक्षेत्र त्र्यंबकेश्वर के गंगाद्वार में महंत श्री उदयगिरी महाराज के हाथों सनातन के सात्त्विक उत्पादनं एवं ग्रंथ प्रदर्शनी का अनावरण समारोह

त्र्यंबकेश्वर : श्रीक्षेत्र त्र्यंबकेश्वर के ब्रह्मगिरी पर्वत पर प्रकट हुए पापनाशिनी श्री गंगा नदी के प्रवेशद्वार के निकट सनातन संस्था की अध्यात्मविषयक ग्रंथ, साथ ही सात्त्विक उत्पादनों की प्रदर्शनी का अनावरण किया गया । इस समय श्रीक्षेत्र त्र्यंबकेश्वर के श्री शंभु पंचायती अटल अखाडा के सचिव महंत उदयगिरी महाराज द्वारा मार्गदर्शन किया गया । उन्होंने अपने मार्गदर्शन में यह आशीर्वचन पर वक्तव्य किया कि,‘यदि सनातन के सात्त्विक ग्रंथ लोगों ने पढें, तो ज्ञान में वृद्धि हो जाएगी । साथ ही यदि ज्ञान का प्रसार किया गया, तो सर्वत्र हिन्दू धर्म का प्रसार होगा । धर्म वृद्धिंगत होगा ।’ उस अवसर पर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के साधक एवं कार्यकर्ताएं उपस्थित थे ।

सायंकाल के ५ बजे महंत श्री उदयगिरी महाराज ने नारियल तोडकर ग्रंथप्रदर्शनी का अनावरण किया । सनातन के साधकों ने ‘हर हर महादेव’ का जयघोष एवं शंखनाद किया । उस समय मार्गदर्शन में श्री महाराज ने यह वक्तव्य किया कि, ‘सनातन के ग्रंथ अच्छे हैं । आप की प्रदर्शनी को श्रद्धालुओं का प्रतिसाद प्राप्त होगा । लोग आप की ओर खिंचकर आएंगे ।

उस समय सनातन संस्था के साधक श्री. सुभाष अंभोरे ने श्री उदयगिरी महाराज को पुष्पहार अर्पण कर उनका आदर किया ।

सिंहस्थ कुंभपर्व में श्रीक्षेत्र त्र्यंबकेश्वर में सनातन के धर्मरथ के माध्यम से भी भ्रमण ग्रंथप्रदर्शनी !

नाशिक के सिंहस्थ कुंभपर्व के निमित्त सनातन संस्था द्वारा शहर में धर्मरथ का आयोजन किया गया है । इस धर्मरथ द्वारा ग्रंथ एवं सात्त्विक उत्पादन की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है । सहस्त्रों श्रध्दालु उसका लाभ ऊठा रहें हैं । महंत श्री उदयगिरी महाराज द्वारा सनातन ग्रंथप्रदर्शनी के लिए पूरीतरह से सहायता !

ब्रह्मगिरी पर्बत पर भगवान शंकर की कृपाशीर्वाद से श्री गंगानदी का उगम हुआ है । ऐसे पावन स्थान पर श्री उदयगिरी महाराज ने सनातन को ग्रंथप्रदर्शनी हेतु कुंभपर्व की कालावधी में अपना महान क्षेत्र, साहित्य तथा अन्य वस्तु विनामूल्य उपलब्ध करवाई हैं । इस संदर्भ में सनातन संस्था के साधक श्री. अभय वर्तक ने महाराज के आभार व्यक्त किए हैं ।

क्षणिकाएं

१. महंत श्री उदयगिरी महाराज द्वारा प्राप्त प्रसाद तथा पुष्पहार उन्होेंने सनातन के साधकों को प्रसाद के रूप में वितरित किया ।

२. महाराज की उपस्थिती के कारण वातावरण चैतन्यमय हुआ ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 

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