नई दिल्ली – भारत-पाकिस्तान के नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर्स के बीच बातचीत से तीन दिन पहले जम्मू-कश्मीर में २ घंटे का ड्रामा हुआ। गुरुवार सुबह करीब १० बजे कश्मीर के उन सभी बड़े अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था जिन्हें पाकिस्तानी हाई कमीशन ने दावत पर आने का न्योता दिया है। कुछ देर बाद जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक को अरेस्ट भी किया गया। लेकिन दोपहर १२ बजे तक राज्य सरकार फैसले से पलट गई। सैयद अली शाह गिलानी को छोड़ बाकी सभी अलगाववादियों को रिहा कर दिया गया। यासीन भी छूट गए।
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पीडीपी नेता मेहबूबा मुफ्ती के दबाव में उनके पिता और जम्मू कश्मीर के सीएम मुफ्ती माेहम्मद सईद नेताओं की रिहाई के लिए राजी हुए। इस ड्रामे पर मोदी सरकार का कहना है कि यह पाकिस्तान को भेजा गया संदेश था। वहीं, पाकिस्तान ने कहा है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह अपने प्लान के मुताबिक अलगाववादियों से मुलाकात करेगा।
क्या है मामला?
मंगलवार शाम : भारत के एनएसए अजीत डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज के बीच २३-२४ अगस्त को दिल्ली में बातचीत होनी है। पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने मंगलवार रात कश्मीरी अलगाववादियों को न्योता भेजकर २३ अगस्त को दावत बुलाया। यानी पाकिस्तान उसी दिन कश्मीरी अलगाववादियों से मिलना चाहता है जिस दिन डोभाल की अजीज के साथ मीटिंग होगी।
बुधवार दोपहर : अलगाववादियों ने पाकिस्तानी हाई कमीशन का न्योता मंजूर कर लिया। इस पर भारत ने कहा कि वह इसका करारा जवाब देगा।
गुरुवार सुबह ९.५७ बजे : जम्मू-कश्मीर के सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद के आॅर्डर पर पुलिस ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक, मीरवाइज उमर फारुक, सैयद अली शाह गिलानी को नजरबंद कर लिया। इन सभी को पाकिस्तान हाई कमीश्नर से न्योता मिला है। श्रीनगर सहित पूरे कश्मीर में सभी बड़े अलगाववादी नेताओं के घर के बाहर पुलिस तैनात की गई थी। १४ अगस्त के दिन कश्मीर में पाकिस्तानी झंडा दिखाने वाली आसिया अंद्राबी के घर छापा मारा गया।
गुरुवार दोपहर १२.०५ बजे : गिलानी को छोड़ बाकी सभी को अचानक रिहा कर दिया गया। इस पर सवाल उठे। पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘क्या मुफ्ती मोहम्मद सईद को अपने आकाओं के फरमान पर हुर्रियत नेताओं को अरेस्ट करने के अलावा और कोई काम नहीं है? कोई को-ऑर्डिनेशन ही नहीं है। केंद्र कहता है अरेस्ट करो तो अरेस्ट कर लिया जाता है, केंद्र कहता है कि छोड़ दो तो छोड़ दिया जाता है।’
गुरुवार दोपहर २:१० बजे : मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि पीडीपी नेता मेहबूबा मुफ्ती के चलते अलगाववादियों की रिहाई हुई। जबकि दिल्ली में सरकार के सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान को कड़ा संदेश भेजने के लिए अलगाववादियों को कुछ देर के लिए नजरबंद किया गया था।
गुरुवार दोपहर ३:४५ बजे : पाकिस्तान ने कहा कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह अलगाववादियों से मुलाकात के अपने प्लान पर कायम है। जबकि यह बताया जा रहा था कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अलगाववादियों से 23 और 24 अगस्त को न मिले जब डोभाल-अजीज में मुलाकात होनी है।
एक्सपर्ट ने भी कहा था- अलगाववादियों को जेल में बंद करो
इस मुद्दे पर पूर्व डिप्लोमैट और पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रहे जी पार्थसारथी ने बुधवार को कहा था कि पाकिस्तान सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए बात करना चाहता है, उसकी नीयत किसी नतीजे पर पहुंचने की नहीं है। पार्थसारथी ने कहा था कि वे बातचीत बंद करने के खिलाफ हैं। उन्होंने अलगावादी नेताओं को जेल में बंद कर मीटिंग में शामिल होने से रोकने का सुझाव दिया था।