फाल्गुन पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११५
आलंदीमें संतश्रेष्ठ पूज्यपाद श्री आसारामजी बापूके श्रद्धालुओंद्वारा सभाका आयोजन !
आलंदी (जिला पुणे, महाराष्ट्र) – संतश्रेष्ठ पूज्यपाद श्री आसारामजी बापूको बंदी बनाना अर्थात ‘उलटा चोर कोतवालको डांटे’ वाली बात है । पू. बापूजीपर लगाए गए कोई भी अपराध अभीतक सिद्ध न होनेपर भी उन्हें बंदी बनाया गया, इस घटनाका मैं खुले आम निषेध करता हूं, समस्त हिंदु आघाडीके श्री. मिलिंद एकबोटेने ऐसा वक्तव्य दिया । संतश्रेष्ठ पूज्यपाद श्री आसारामजी बापूको कारागृहमें बंद रखनेके विरुद्ध उनके ही श्रद्धालुओंने एक सभाका आयोजन किया था । इस अवसरपर वे बोल रहे थे । सभामें अनेक संत तथा हिंदू जनजागृति समितिको भी आमंत्रित किया गया था ।
इस सभामें ह.भ.प. हरिभाऊ शास्त्री, ह.भ.प. योगेश महाराज गायकवाड, शिवाजी महाराज पवार, ह.भ.प. चंदीले नाना महाराज, दत्ताभाऊ खोत, श्री. मिलिंद एकबोटे, पू. आसारामजी बापूके आश्रमकी ओरसे आए श्री. रामभाई, मीरा बक्शी, श्रीमती कमलताई काटकर तथा हिंदू जनजागृति समितिके श्री. पराग गोखले उपस्थित थे । सभाका सूत्रसंचालन श्री. श्रीपाद चिकणेने किया ।
हिंदुओंको संतश्रेष्ठ पूज्यपाद श्री आसारामजी बापूको दिए जानेवाले कष्टका विचार करना आवश्यक ! – पराग गोखले
समितिके पुणे जिला समन्वयक श्री. पराग गोखलेने कहा, संजय दत्तको प्रत्येक १५ दिनोंके पश्चात कुछ कारणवश पुलिस कोठरीके बाहर निकाला जा रहा है; किंतु संतश्रेष्ठ पूज्यपाद श्री आसारामजी बापूको कोठरीमें दवा-पानी भी ठीकसे प्राप्त नहीं होता, सभी हिदुओंको इसका विचार करना चाहिए ।
क्षणचित्र : कार्यक्रमका दीपप्रज्ज्वलन कयपंजीसे किया गया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात