सहारनपुर : उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में गुरुवार को अल्पसंख्याक समुदाय के चार जिहादीयों ने एक दलित नाबालिग को गांव के पास बगीचे में बने कमरे में बंद कर सामुहिक बलात्कार किया। पीड़ित लडकी की आवाज सुनकर बगीचे से गुजर रही दलित महिलाओं ने मामले की जानकारी वापस लौटकर गांववालों को दी। गांव के दर्जनों दलित मौके पर पहुंच गए। इसी बीच, सामुहिक बलात्कार करने वाला एक शख्स किसी तरह से गांव में पहुंच गया और उसने अपने समुदाय के लोगों को जानकारी दी। इसके बाद गांव के दलित और अल्पसंख्याक समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों ओर से जमकर लाठी डंडे चले। मामला दो अलग-अलग समुदाय का होने के कारण गांव में तनाव फैल गया है। गांव में कई थानों की पुलिस और पीएसी को तैनात कर दिया गया है।
कोतवाली देहात इलाके के गांव धतौली रांघड की रहने वाली एक दलित नाबालिग गुरुवार की दोपहर काम करने के लिए खेत में जा रही थी। गांव से बाहर निकलने पर जब वह एक अमरुद के बगीचे में पहुंची तो गांव के ही रहने वाले मुस्तकीम और सुलतान व उनके दो अन्य साथियों ने उसे पकड़ लिया और बाग में बने एक कमरे में ले जाकर बंधक बना दिया। आरोप है कि चारों लोगों ने नाबालिग से सामुहिक बलात्कार किया गया।
इस घटना की जानकारी पाते ही सीओ (डीएसपी रैंक के अफसर) अमित नागर कई थानों की पुलिस और पीएसी के साथ गांव में पहुंच गए और हंगामा कर रहे लोगों को वहां से भगाया।
गांव में सांप्रदायिक तनाव फैलने के बाद सामुहिक बलात्कार के चारों आरोपी अपने-अपने घरों को छोड़कर फरार हो गए। आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस ने पीएसी के जवानों के साथ सर्च आपरेशन चलाया, लेकिन चारों आरोपियों में से कोई भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ सका है। इस वारदात के बाद गांव की दुकानें बंद हो गई और लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर इधर-उधर हो गए।
एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि बलात्कार पीड़ित नाबालिग को मेडिकल के लिए भेजा जा रहा है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है।
स्त्रोत : भास्कर