चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११५
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अहमदाबाद- नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से नेताजी सुभाषचंद्र बोस की अस्थियां स्वदेश लाने की उम्मीद है। हम जल्द ही मुख्यमंत्री मोदी को मिलेंगे तथा अपनी बात रखेंगे। जापान में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक बीएस देशमुख ने यह दावा किया है। अपने संगठन ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेमोरियल इंडो-जापान फाउन्डेशन’ के बैनर तले देशमुख चार साल से नेताजी की अस्थियां स्वदेश लाने के लिए प्रयासरत हैं। उनसे जुड़े जापानी कारोबारी काजू कानेका एवं ओयामा हिरोशी गुरुवार को अहमदाबाद में थे।उन्होंने कहा, 'नेताजी की मृत्यु के बारे में भारत में अफवाएं फैलाई गई हैं। हकीकत में १९४५ में ताईवान के हवाई हादसे में नेताजी का निधन हो गया था। उनकी अस्थियां जापान के एनकोजी मंदिर में ६८ साल से संभाल कर रखी गई हैं।'
नेताजी को पसंद नहीं करते थे नेहरू
देशमुख ने आगे बताया, नेताजी के निधन के बाद जापानी सैनिकों की भी इच्छा थी कि उनकी अस्थियां जापान में न रखते हुए भारत पहुंचा दी जाएं, लेकिन उन्हें ब्रिटिश सैनिकों का डर था। साथ ही उन्होंने कहा, जब जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी जापान की यात्रा पर गए थे, तब भी उनसे नेताजी की अस्थियां भारत ले जाने की पेशकश की गई थी। लेकिन उन्होंने भी इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया था। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी जापान की यात्रा पर गए थे। उनसे भी यह बात कही गई, लेकिन उन्होंने चुप्पी साधे रखी।
देशमुख के कहे अनुसार.. नेहरू, नेताजी को बिल्कुल पसंद नहीं करते थे। इसलिए कांग्रेस उनकी अस्थियां भारत लाने के प्रयास नहीं कर रही।
देशमुख के बताए अनुसार रेनकोजी (जापान) के इस मंदिर में रखी हुई हैं नेताजी की अस्थियां।
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नेताजी सुभाषचंद्र बोष मेमोरियल इंडो-जापान समिति द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में नरेंद्र मोदी का पत्र।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर