चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११५
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विश्व के शीर्ष १०० विश्वविद्यालयों की टाइम्स हायर एजुकेशन पत्रिका की सूची में भारत के किसी भी संस्थान को जगह नहीं मिली है जबकि टॉप १० शिक्षा संस्थानों में अमेरिका के विश्वविद्यालयों का वर्चस्व है।
ब्रिटेन के कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों को चौथा और पांचवाँ स्थान दिया गया है। ये रैंकिंग अकादमिक जगत से जुड़े लोगों के वोट के आधार पर तैयार की जाती है।
वर्ष २०१४ के लिए वर्ल्ड रेपुटेशन रैंकिंग पिछले साल मई में हुए एक सर्वे के आधार पर तैयार हुई। जिसमें १३३ देशों से १०,५०० प्रतिक्रियाएं आईं। अकादमिक जगत से जुड़े लोगों से कहा गया कि वे अपनी विशेषज्ञता वाले क्षेत्र की दृष्टि से १५ बेहतरीन संस्थानों को नामांकित करें।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय टॉप पर रहा। इसके बाद मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय का नंबर रहा। ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज के अलावा ब्रिटेन के जो आठ शिक्षा संस्थान शीर्ष १०० में जगह बना पाए, वे इस तरह हैं-
- इंपीरियल कॉलेज लंदन (१३वें नंबर पर)
- लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (२४ वें)
- यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (२५ वें)
- किंग्स कॉलेज लंदन (४३वें)
- एडिनबरा (४६वें)
- मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी (५१-६० के बैंड में)
- लंदन बिजनेस स्कूल (९१ से १०० के बैंड में)
- लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (९१ से १०० के बैंड में)
बैटी ने कहा, वर्ष २०११ में इस रैंकिंग की शुरुआत के बाद से पहली बार ब्रिटेन के तीन बड़े विश्व विद्यालय सौ प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में जगह नहीं बना पाए।
भारत के पंजाब विश्वविद्यालय को २२६ से ३०० के बीच की रैंकिंग में जगह मिली है।
रैंकिंग के संपादक फिल बैटी ने कहा कि भारत, ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) देशों और विकासशील आर्थिक शक्तियों का एकमात्र ऐसा देश है जिसकी एक भी यूनिवर्सिटी दुनिया की टॉप-१०० में नहीं है। इस सूची में चीन की दो यूनिवर्सिटी हैं और दोनों ही शीर्ष ५०में शामिल हैं। जबकि रूस और ब्राजील की एक-एक यूनिवर्सिटी ने इसमें जगह बनाई है।
सूची में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर और रुड़की को काफ़ी नीचे स्थान मिला है। इन्हें ३५१ -४०० के सबसे निचले ग्रेड में रखा गया है।
स्त्रोत : अमर उजाला