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घाटकोपर (मुंबई) में मगरूर कट्टरपंथियोंके दबाव का बलि न चढते हुए हिन्दुओंने भगवा ध्वज फहराया

दंगा करने हेतु कुछ न कुछ कारण ढूंढने की जिहादीयोंकी सदा की पद्धति !

घाटकोपर-मुंबई : यहां के नित्यानंदनगर क्षेत्र में पुराने ध्वज के स्थान पर नया ध्वज लगाने हेतु एकत्रित हिन्दुत्वनिष्ठोंपर स्थानीय जिहादीयोंने बिना किसी कारण डांट-फटकार कर नया ध्वज फहराने पर आपत्ति जताई। (दंगा करने हेतु कुछ न कुछ कारण ढूंढने की जिहादीयोंकी सदा की पद्धति ! – संपादक, दैनिक सनातन भारत)

लोखंडी सलाखें, लाठियां, बैट इत्यादि साहित्य लाकर जिहादीयोंने जानबूझकर यहां दंगलसदृश परिस्थिति उत्पन्न की; परंतु इस अवसरपर विविध राजनीतिक पक्षोंके कार्यकर्ता एवं हिन्दुत्चनिष्ठोंने पीछे न हटते हुए नियोजित स्थान पर ही जिहादीयोंके झंडे से उंचा ध्वज फहराया। तत्पश्चात धर्मांध एवं पुलिस के समक्ष ‘वन्दे मातरम्’, ‘भारतमाता की जय’ इत्यादि घोषणाएं भी दी गई। (जिहादीयोंके के दबाव में न आकर नया ध्वज फहरानेवाले धर्माभिमानी हिन्दुओंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१. घाटकोपर (प.) के एल.बी.एस. मार्ग के पदपथ पर ‘हिंदु युवा मंच’द्वारा लोहे की नली पर भगवा ध्वज फहराया गया था। तदुपरांत एक सप्ताह पूर्व स्थानीय उद्दंड जिहादीयोंने वहां हरा ध्वज लगाया। हिन्दुओंद्वारा इस का कोई विरोध नहीं किया गया था।

२. १५ अगस्त को सवेरे हिन्दू धर्माभिमानी सर्वश्री विकास माने, नितीन कामटे, संपत मोरे तथा तानाजी रेनोसे ने ध्वजवाली नली टूटने की संभावना से वहां नया भगवा ध्वज लगाना आरंभ किया।

३. इस समय वहां गुलाम, झुबेर, नजीर इत्यादि लोग आकर उन्होंने विरोध करना चालू किया एवं कहा कि पुरानी नली एवं ध्वज को परिवर्तित न करें। हमें वहां हजरत सय्यद मख्दुम अश्रफ चौक की दिशा दर्शानेवाला बाण दिखाना है। (हिन्दुओंद्वारा पुराना ध्वज परिवर्तित करने से इस बात का क्या संबंध है ? जिहादीयोंने अपने ध्वज की नली को यह बाण क्यों नहीं लगाया ? कुछ न कुछ दोष निकाल कर हिन्दुओंको कष्ट देनेवाले जिहादीयोंपर धाक जमाने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

४. परंतु हिन्दुओंने अपनी भूमिका पर निश्चित रहने का निर्णय व्यक्त किया, जिस से हिन्दू एवं जिहादीयों में विवाद उत्पन्न हुआ। इस समय यहां दोनों धर्म के लोगोंकी भीड बढने लगी। संक्षेप में, वातावरण संतप्त हो रहा है, यह ध्यान में आने पर वहां आई पुलिसद्वारा हिन्दू एवं मुसलमान समाज के पदाधिकारियोंको पुलिस थाने में ले जाया गया।

५. पुलिसद्वारा हिन्दुओंको नई नली एवं भगवा ध्वज लगाने तथा जिहादीयोंको दिशादर्शक बाण लगाने हेतु लोहे की नली लगाने की अनुमति दी गई।

६. यद्यपि जिहादीयोंको दिशा दर्शक नली लगाने हेतु पुलिस ने अनुमति दी है, तब भी हिन्दू ऐसी चर्चा कर रहे थे कि क्या जिहादीयोंने मुंबई महानगरपालिका से अनुमति ली है ?

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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