Menu Close

जिहादीयोंद्वारा तलोदा (महाराष्ट्र) में हिन्दू लडकी से छेडखानी कर दंगा !

अब तक बंगाल तथा उत्तरप्रदेश में जिहादीयोंद्वारा दंगे किए जा रहे थे। अब इस महाराष्ट्र में भी सर्वत्र दंगे हो रहे है।

  • दंगाखोरोंद्वारा श्री गणेशमूर्ति की विडंबना !
  • पुलिसकर्मियोंके साथ ८ लोग गंभीर रूप से घायल !
  • पांच मोटरसाइकल एवं १ घर जल कर खाक
  • कानूमाता उत्सवपर जामन !

जिहादीयोंद्वारा दंगों में यदि पुलिस ही घायल होते हैं, तो हिन्दुओंकी रक्षा कौन करेगा ?

 

तलोदा-नंदुरबार (महाराष्ट्र) : १५ अगस्त को यहां जिहादीयोंद्वारा एक हिन्दू लडकी के साथ उसके अभिभावक के समक्ष छेडखानी कर दंगा भडकाया गया। इस समय जिहादीयोंने वाहन एवं घरोंको जलाया तथा गणेशोत्सव के लिए सिद्ध श्री गणेशजी की मूर्ति की विडंबना की। दंगाखोरोंने किए भीषण पथराव में पुलिस अधिकारी के साथ ८ लोग घायल हुए। इस लिए तलोदा नगर में संचारबंदी लागू की गई । (यह ध्यानमें लें कि जिहादीयोंद्वारा पुलिसपर आक्रमण करने की बात सदैव की हो गई है। तब भी पुलिस दंगे न होने हेतु जिहादीयोंपर धाक जमाने हेतु कोई निश्चित कदम नहीं उठाती ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

पंधरा दिन पूर्व गली के परिसर में जिहादीयोंने एक लडकी के साथ छेडखानी की थी। इस समय लडकी ने पुलिस में परिवाद प्रविष्ट किया था। इस परिवाद के अनुसार पुलिस ने दो जिहादी युवकोंको बंदी बनाया एवं पश्चात प्रतिभूति पर मुक्त भी किया था। (पुलिसने उद्दंड जिहादीयोंको प्रतिभूति पर मुक्त करने का परिणाम जानें ! इस दंगे में हुई शारीरिक एवं मानसिक हानि की पूर्ति कौन करेगा ? इस दंगे के लिए पुलिस को उत्तरदायी सिद्ध कर पुलिस से ही दंगे में हुई आर्थिक हानि वसूल करनी चाहिए एवं उन पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

इस घटना के प्रमुख सूत्र

१. महाविद्यालय के परिसर में खडे रहनेवाले जिहादी युवक सदैव लडकियों के साथ छेडखानी करते हैं। (क्या पुलिस को यह दिखाई नहीं देता ? कहीं ऐसा तो नहीं कि पुलिस देखनेपर भी न दिखे समान अर्थात अंधे के समान आचरण करती हो ? यदि पुलिसद्वारा इन जिहादीयोंपर पूर्व में ही कार्यवाही की गई होती, तो दंगा होने का समय ही नहीं आता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

२. ध्वजवंदन के कार्यक्रम के लिए सवेरे ९ बजे यह हिन्दू लडकी अभिभावक के साथ महाविद्यालय में जाते समय प्रतिभूति पर मुक्त उन्ही जिहादीयोंने अभिभावक के सामने पुन: उस लडकी से छेडखानी की।

३. संतप्त अभिभावकोंने पुलिस थाने में परिवाद कर जिहादीयोंका बंदोबस्त करने की विनती की। शांति समिति की बैठक लेकर कुछ हल ढूंढेगे, ऐसा कहते हुए संबंधित अधिकारी ने दोपहर ४ बजे तक उन अभिभावकोंको पुलिस थाने में बिठाकर रखा। (क्या जिहादीयोंको शांति की भाषा कभी समझ में आएगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

४. तत्पश्चात विधायक श्री. उदेसिंह पाडवी, शिवसेना तहसील प्रमुख श्री. अनुप उदासी, अप्पर पुलिस अधीक्षक श्रीमती अनिता पाटिल, अक्कलकुवा उपअधीक्षक श्री. झाल्टे, तहसीलदार श्री. मिसाल इत्यादि लोगोंकी उपस्थिति में बैठक संपन्न हुई एवं मौलाना, मुस्लिम पंच एवं भोई समाज के मानदों में मनोमिलन करने का प्रयास किया गया।

५. लडकी के अभिभावक एवं जिहादीयोंके अभिभावक गले मिल रहे थे। इसी समय उधर तलोदा नगर के कुंभारवाडा क्षेत्र में भीषण पथराव आरंभ हो गया। (जिहादीयोंका यथार्थ स्वरूप ! एक ओर हिन्दुओंके गले मिलना एवं दूसरी ओर उनके धर्मबंधुओंने दंगा कर हिन्दुओंपर आक्रमण करना। अब तो जिहादीयोंके प्रेम में पडे हिन्दुओंकी आंखें खुलेंगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

६. पुलिस थाने में शांति समिति की बैठक चालू रहते में दंगे की जानकारी मिलते ही कुछ लोगोंने वहीं पर पुलिसकर्मियोंके समक्ष पिटाई करना आरंभ किया। (जिहादीयोंपर धाक जमाने में अकार्यक्षम पुलिस आतंकवादियोंका सामना कैसे करेगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) लाठीप्रहार चालू रहते में शिवसेना के श्री. अनुप उदासी के सिर को गंभीर मार लग कर वे रक्तरंजित हो गए। तत्पश्चात उन्हें उपचारार्थ रुग्णालय में प्रविष्ट किया गया।

७. उसी क्षेत्र में मूर्तिकारोंने विक्रय के लिए बनाकर रखी कुछ श्री गणेशजी की मूर्तियोंकी तोडफोड की गई। दंगाखोरोंने गणेशमूर्तियोंकी विडंबना करने की वार्ता फैलते ही हिन्दू संतप्त हुए।

८. अनेक लोगोंने तथा प्रत्यक्षदर्शियोंने जिहादीयोंके दरवाजे के समक्ष रचाए पत्थरोंके ढिग तथा जिहादीयोंके घर के परिवार अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर हलाए गए देखे। इस से स्पष्ट होता है कि यह दंगा पूर्वनियोजित था। (इस से ध्यान में आता है कि जिहादीयोंद्वारा सभी दंगे पूर्वनियोजित होते हैं। हिन्दुओंने उनके प्रतिकार के लिए क्या सिद्धता कर रखी है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

९. जिहादीयोंको रोकने हेतु त्वरित पुलिसद्वारा लाठीप्रहार किया गया। तब भी पथराव के मार से पुलिस भी घायल हुए। पांच दुपहिये एवं १ घर जल कर खाक हो गए। दो प्रार्थनास्थलोंकी भी हानि हुई। यह प्रकार १५ अगस्त की रात्रि ८ बजे तक चालू था। तदुपरांत विलंब से उस पर नियंत्रण प्राप्त किया गया।

१०. १६ अगस्त को सवेरे ६ बजे से सायं समय ६ बजे तक संचारबंदी घोषित की गई।

११. पुलिस अधीक्षक महेश घुर्ये ने निरीक्षण कर स्थिति नियंत्रित की। १६ अगस्त को सायं समयतक २० लोगोंको नियंत्रण में लिया गया। (हिन्दुओंको चाहिए कि वे दंगे को कारणभूत जिहादीयोंको कठोर दंड होने हेतु पुलिसपर दबावतंत्र का उपयोग करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१२. संचारबंदी के कारण स्थानीय कानूमाता का उत्सव होते हुए भी लोगोंको क्रय करने हेतु बाहर जाना संभव नहीं हुआ। इस लिए इस उत्सव पर जामन पड गया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *