चैत्र कृष्ण पक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११५
स्वतंत्रताके पश्चात ६६ वर्षोंमें जागतिक स्तरकी शस्त्र निर्मिती करनेकी क्षमता खुदमें निर्माण नहीं करनेवाला लज्जास्पद भारत ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
पेरिस: स्वीडिश थिंक टैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत हथियार खरीद के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा मुल्क बन गया है। इतना ही नहीं, इस अंधाधुंध खरीद में उसने प्रतिद्वंदी चीन और पाकिस्तान को भी पीछे छोड़ दिया है। वह दोनों पड़ोसी मुल्कों की तुलना में तीन गुना ज्यादा हथियार आयात कर रहा है। (अरबों रुपयोंके हथियार खरीदे, तो इस बलपे भारतने पाक, बांग्लादेश, श्रीलंका, चीन इन्हें कभी धमकाया है क्या या इन शस्त्रोंके कारण भारतका इन देशोंको कभी भय लगा है क्या ? केवल घोटालें करनेके लिए शस्त्र खरीदनेवाले संबंधित सभीकी संपत्तीपर ‘हिंदु राष्ट्र’में जब्ती लार्इ जाएगी ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक, अगर २००९ से २०१३ के पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत ने हथियार खरीद में १४ फीसदी का इजाफा किया है। बीते पांच सालों में उसके बड़े हथियार आयात करने की दर १११ फीसदी रही। यह पूरी दुनिया का ७ से १४ फीसदी हिस्सा है।
२०१० में भारत ने तेजी से हथियार आयात करते हुए चीन को भी पछाड़ दिया था। भारत का घरेलू रक्षा उद्योग इन दिनों कम उत्पादन की मार झेल रहा है। वहीं, चीन से बेहतर हथियारों और सुरक्षा संबंधी कारणों से भारत को नए हथियार खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
२००९-१३ के बीच में भारत को उसके पुराने सहयोगी रूस ने ७५ फीसदी हथियार दिए। इसके अलावा भारतीय हथियारों के अपग्रेड और अत्याधुनिक बनाने में भी मदद की। बीते सालों में अमेरिका ने भी भारत को हथियार बेचे हैं।
आईएचएस जेन द्वारा जारी आंकड़ों की माने तो बीते साल भारत अमेरिका का सबसे बड़ा हथियार खरीददार बन गया। उसने अमेरिकी हथियारों की खरीद में १.९ बिलियन डॉलर का निवेश किया। इसमें सबसे ज्यादा पैसा बोइंग सी-१७ए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और पी-८१ मेरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट के लिए बहाया गया। हालांकि २००९-१३ तक अमेरिका ने सिर्फ सात फीसदी ही हथियारों की बिक्री भारत को की है। भारत का पुराना प्रतिद्वंदी और पड़ोसी देश पाकिस्तान ११९ फीसदी की दर से हथियारों का अधिग्रहण कर रहा है।
अमेरिका (२९ फीसदी), रूस (२७), जर्मनी (७), चीन (६), फ्रांस (पांच फीसदी) हथियार निर्यातकों में दुनिया के पांच शीर्ष देश हैं। यह सभी दुनिया में ७४ फीसदी हथियारों का निर्यात करते हैं। वहीं, सबसे बड़े आयातकों में भारत, चीन, पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब शामिल हैं।
स्टॉकहोम रिपोर्ट के सीनियर रिसर्चर सीमेन वेजमैन ने बताया कि चीन, रूस, और अमेरिका अपने हथियारों की सप्लाई करने के लिए दक्षिण एशियाई देशों को प्राथमिकता देते हैं। ऐसा सिर्फ राजनीतिक और आर्थिक कारणों की वजह से है। मुख्यत: चीन और अमेरिका एशिया में अपना प्रभुत्व जमाने के लिए एशियाई देशों को हथियार बेचने की होड़ में लगे रहते हैं।
अफ्रीकी देश भी तेजी से हो रही खरीदी
अफ्रीका में २००४-०८ से २००९-१३ के बीच में हथियार खरीद में ५३ फीसदी का उछाल आया है। अल्जीरिया, मोरक्को और सूडान शीर्ष अफ्रीकी देश हैं। वहीं, बीते सालों में यूरोपियन देशों में हथियार आयात में २५ फीसदी की गिरावट आई है। यूरोप के लिए ब्रिटेन सबसे बड़ा निर्यातक देश है। इसमें अजरबेजान, ग्रीस उसके मुख्य हथियार खरीददार देश हैं।
स्त्रोत : dainikbhaskar.com