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कोल्हापुर (महाराष्ट्र) : जिला स्थित मस्जिदोंके ध्वनिक्षेपक स्थायी रूपसे बंद करें !

चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११५

सभी हिंदुप्रेमी संगठनोंद्वारा निवासी उपजिलाधिकारीसे आवेदन देकर मांग
हिंदुत्ववादियोंके ध्यानमें जो बात आती है, वह पुलिस तथा प्रशासनको क्यों समझमें नहीं आती ? कान होकर बहरी तथा आंखें होकर अंधी पुलिस एवं प्रशासन हिंदु राष्ट्रमें न होगा !

 

कोल्हापुर (महाराष्ट्र)- कोल्हापुर जिला स्थित सभी मस्जिदोंके ऊपर लगे ध्वनिक्षेपकोंके कारण होनेवाली कर्णकटु आवाजसे बच्चे, छात्र, अधिक आयुके नागरिक आदि सभीको शारीरिक तथा मानसिक कष्ट हो रहे हैं । अत: जिला स्थित सभी मस्जिदोंपर लगे ध्वनिक्षेपक बंद कर स्थायी रूपसे उन्हें हटाया जाए, सभी हिंदुप्रेमी संगठनोंकी ओरसे १९ मार्चको निवासी उपजिलाधिकारी श्री. संजय पवारको एक आवेदन द्वारा ऐसी मांग दी गई । हिंदुत्ववादियोंने श्री. पवारके साथ इस विषयपर विस्तारसे चर्चा की ।

बजरंग दलके जिलाध्यक्ष सर्वश्री संभाजी साळुंखे तथा नगरप्रमुख महेश उरसालने कहा, वर्तमान स्थितिमें मस्जिदोंपर लगे ध्वनिक्षेपक लोकसभा चुनावकी कालावधिमें बंद रखना आवश्यक है । पूर्व चुनावकी कालावधिमें अनेक राज्योंसे मस्जिदोंपर लगे ध्वनिक्षेपकोंका उपयोग विशिष्ट समाजने अपनी भाषाका प्रचारके साधनके रूपमें किया था, यह बात ध्यानमें आई । इन ध्वनिक्षेपकोंपर प्रशासनका कोई भी नियंत्रण नहीं । साथ ही इन ध्वनिक्षेपकोंका देश-विघातक कार्यवाहियोंके साधनके रूपमें दुरुपयोग होनेकी संभावनाको अस्वीकार नहीं किया जा सकता । इन सभी घटनाओंका विचार कर मस्जिदोंपर लगे ध्वनिक्षेपक बंद होने आवश्यक हैं ।

आवेदनमें कहा गया है कि,

मस्जिदोंपर लगे ध्वनिक्षेपकोंकी कष्टदायक आवाजसे त्रस्त होकर भी यह ध्वनिप्रदूषण धार्मिक कारण हेतु हो रहा है, ऐसा सोचकर उस ओर दुर्लक्ष किया गया । ऐसा होनेपर भी एक वर्ष पूर्व स्थानीय पुलिसने जब गणेशोत्सव मंडल तथा दुर्गापूजन मंडलोंको ध्वनिप्रदूषण करना अपराध बताकर ध्वनिक्षेपक तंत्र बंद करनेपर बाध्य किया, उस समय हमें आश्चर्य हुआ ।

ध्वनिप्रदूषणके संदर्भमें प्रस्तुत अधिनियम पुराने ही हैं तथा आजतक प्रशासनने मस्जिदोंपर लगे ध्वनिक्षेपकोंसे होनेवाला ध्वनिप्रदूषण रोकने हेतु इस अधिनियमानुसार कोई भी कार्यवाही नहीं की, यह बात धक्कादायक है ।

सर्वोच्च न्यायालयने धार्मिक स्थलोंसे होनेवाला ध्वनिप्रदूषण रोकनेके विषयसंदर्भमें निर्णय भी दिया है । अत: सर्वोच्च न्यायालयके निर्देशों तथा अधिनियमोंका त्वरित पालन किया जाए, हिंदुत्ववादियोंने ऐसी मांग की ।

उपस्थित हिंदुत्ववादी

बजरंग दलके जिलाप्रमुख श्री. संभाजी साळुंखे, नगरप्रमुख श्री. महेश उरसाल, हिंदु एकता आंदोलनके जिलाध्यक्ष श्री. चंद्रकांत बराले, उपाध्यक्ष श्री. संभाजीराव खराडे, कार्याध्यक्ष श्री. हिंदुराव शेळके, श्री. राजू पाटिल, श्री. नीलेश निकम, शिवसेना उद्योग सहकार सेनाके राज्य सचिव श्री. सतीश शिंदे, गुरुकुल कला मंचके संस्थापक अध्यक्ष श्री. शरद माळी, हिंदू जनजागृति समितिके श्री. मधुकर नाजरे, श्री. शिवानंद स्वामी आदि धर्माभिमानी उपस्थित थे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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