श्रावण कृ. ३, कलियुग वर्ष ५११४
श्री शांतिगिरी महाराजका परिचय देते हुए समितिके श्री. वटकरजी
पनवेल, १ जुलाई (संवाददाता) – हिंदुजागृति करना हम साधु-संतोंके कार्य हैं, किंतु उतने प्रमाणमें करना हमारे लिए संभव नहीं है; जितने अधिक प्रमाणमें यह कार्य हिंदु जनजागृति समिति, सनातन संस्था एवं दैनिक ‘सनातन प्रभात’के माध्यमसे समाजमें किया जा रहा है । यह हिंदु जनजागृतिका कार्य करने हेतु साक्षात ईश्वरने ही आपको भेजा है । यह आपकी श्रेष्ठ साधना हो रही है एवं उसे मेरे आशीर्वाद हैं, ऐसे गौरवोदगार गिरी संप्रदायके गुजरात राज्यके साबरकाठा जनपदके श्री शांतिगिरी महाराजने प्रस्तुत किए हैं ।
देवद, पनवेलमें शिवगिरी संप्रदायके श्री. दादा खोतके निवास स्थानपर श्रीमंत शांतिगिरी महाराजका पदार्पण हुआ था । उस समय उन्होने उपर्युक्त प्रतिपादन किया । उस समय हिंदु जनजागृति समितिकी ओरसे मुंबई, ठाणे एवं रायगड जनपदके समन्वयक श्री. शिवाजी वटकरने उनसे भेंट की । उस समय हिंदु जनजागृति समिति, सनातन संस्था एवं दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के माध्यमसे हिंदू राष्ट्र स्थापित करने हेतु किए जानेवाले कार्यके विषयमें, साथ ही अन्य धर्मजागृति एवं धर्मरक्षा अभियानके विषयमें विस्तारसे वर्णन किया गया ।
उस समय श्री शांतिगिरी महाराजको सनातनरचित हिंदी भाषाके तीन ग्रंथ भेंट स्वरूप दिए गए । हिंदु जनजागृति समिति एवं सनातन संस्थाके कार्यको आशीर्वाद देते समय शांतिगिरी महाराजने बताया,‘‘सर्वत्रके हिंदू निद्रित (सोएहुए) हैं । उन्हें अपने धर्म एवं राष्ट्रसे कुछ भी लेनादेना नहीं । वास्तवमें आपके कार्यके लिए तो हमारे आशीर्वादकी भी आवश्यकता नहीं है । ईश्वर स्वयं ही आपको आशीर्वाद दे रहा है । हिंदुओंको सजग करनेके इस कार्यमें और भी वृद्धि होनी चाहिए । आपके सर्व कार्य हिंदु हितमें हैं । आप हमारे गुजरात आश्रममें आइए । वहां हमारे व्ययसे जनजागृतिका बडा कार्यक्रम आयोजित करेंगे एवं आप वहां मार्गदर्शन करें !’’
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात
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