चैत्र कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११५
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नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने आतंक पर बड़ी सफलता पाते हुए इंडियन मुजाहिदीन के सरगना तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया है। यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद मोनू ही भारत में आइएम की कमान संभाल रहा था। उस पर हैदराबाद, पटना रैली, बोधगया, बनारस, मुंबई में हुए कई धमाकों में शामिल होने का आरोप है। दो दिन पहले गिरफ्तार आतंकी वकास की निशानदेही पर दिल्ली पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा पर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के काकरविट्टा से दस लाख के इनामी आतंकी तहसीन को दबोचा।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल यासीन भटकल की गिरफ्तार के बाद बिहार के समस्तीपुर जिले के मणियारपुर निवासी २३ वर्षीय तहसीन अख्तर ही आइएम को चला रहा था। वह आइएम सदस्यों व सिमी कार्यकर्ताओं सहित अन्य आतंकी गुटों के बीच सेतु का काम कर रहा था। उसे मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे नेपाल से भारत सीमा में प्रवेश करते समय काकरविट्टा के पानी टंकी थाना क्षेत्र से पकड़ा गया।
विशेष आयुक्त ने बताया कि तहसीन आइएम संस्थापक रियाज व इकबाल भटकल के भी काफी करीब था। उसकी गिरफ्तारी इसलिए भी अहमियत रखती है क्योंकि तहसीन देश में कई मॉड्यूल खड़ा करने की कोशिश कर रहा था। श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिन पहले राजस्थान से वकास और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद तहसीन नेपाल से बांग्लादेश भागने की फिराक में था। उसे विशेष विमान से बंगाल से दिल्ली लाया गया।
अगले एक-दो दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि तहसीन अख्तर कई नामों का इस्तेमाल करता था। मोनू के अलावा समीर उर्फ हसन उर्फ साहिल के नाम का भी वह सहारा लेता था। यासीन भटकल ने ही उसे ट्रेनिंग दी थी और आइईडी बनाना सिखाया था।
राजस्थान में एक और आइएम आतंकी पकड़ा
जयपुर : इंडियन मुजाहिदीन आतंकी शाकिब अंसारी की निशानदेही पर मंगलवार को जोधपुर से एक और आतंकी बरकत को गिरफ्तार किया गया। साथ ही करीब डेढ़ दर्जन संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं। इनमें से कुछ पर प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन सिमी का कार्यकर्ता होने का भी शक है।
पुलिस के अनुसार राजस्थान में आइएम की गतिविधियों से जुड़े करीब ५० लोग अभी पकड़ से दूर हैं। जोधपुर पुलिस आयुक्त सचिन मित्तल ने बताया कि बरकत को शहर के प्रतापनगर स्थित उसके घर से सुबह दबोचा गया। उसकी गिरफ्तारी के विरोध में लोगों ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
कौन है तहसीन
नाम – तहसीन अख्तर उर्फ मोनू
पिता का नाम- मोहम्मद वसीम अख्तर
पता- मनियारपुर, डाकघर तपुर थाना कल्याणपुर, जिला समस्तीपुर, बिहार
जन्मतिथि- ३-७-१९९०
देश भर में चल रही है छापेमारी
तहसीन तथा वकास से पूछताछ के बाद आइएम के अन्य आतंकियों की तलाश युद्धस्तर पर शुरू हो गई है। स्पेशल सेल के साथ तमाम रच्च्यों की पुलिस एवं खुफिया एजेंसियां आतंकियों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गई हैं। एक आला अधिकारी के अनुसार जल्द इस मामले में कुछ अन्य गिरफ्तारियां संभव है।
बिहार में जुटीं जांच एजेंसियां
समस्तीपुर : इंडियन मुजाहिदीन सरगना तहसीन की गिरफ्तारी के बाद बिहार के समस्तीपुर जिले में भी जांच एजेंसियों ने गतिविधियां तेज कर दी हैं। समस्तीपुर के मणियारपुर निवासी तहसीन उर्फ मोनू की बहन की शादी २८ मार्च को होनी थी। उसके परिजन भी मोनू की आतंकी गतिविधियों से परेशान थे। अदालत के आदेश पर ११ जनवरी १४ को उनकी संपत्ति भी कुर्क कर दी गई थी।
२१ फरवरी २०१३ को हैदराबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद पहली बार तहसीन अख्तर का नाम इंडियन मुजाहिदीन के सक्रिय सदस्य के तौर पर सामने आया था। इसके पूर्व फरवरी २०१३ के दूसरे सप्ताह में मुंबई एटीएस ने चार संदिग्ध आतंकियों की तस्वीर जारी करते हुए दस-दस लाख के इनाम की घोषणा की थी, जिसमें तहसीन दूसरे स्थान पर था। बोधगया में हुए धमाकों में भी उसकी संलिप्तता थी। इन मामलों की जांच चल ही रही थी कि २७ अक्टूबर २०१३ को पटना के गांधी मैदान में आयोजित भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में भी इसने विस्फोट करा दिया। तहसीन के चाचा व जदयू नेता (जिला महासचिव) तकी अख्तर का कहना है मोनू कानून का मुजरिम है और उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए। एनआइए द्वारा गिरफ्तार किया गया कल्याणपुर थाने के अलौला गांव निवासी अरशद उसका शागिर्द था।
वकास को मोनू ही भारत लाया था
पाकिस्तानी आतंकी जिया उर रहमान उर्फ वकास को नेपाल के रास्ते भारत लाने वाला मोनू ही था। दोनों ने बिहार के ४० युवकों को आतंक की ट्रेनिंग भी दी जिन्हें एनआइए की टीम तलाश कर रही है। तहसीन वर्ष २००८-११ बैच का पॉलिटेक्निक कॉलेज में सिविल ट्रेड का छात्र था। पढ़ाई के दौरान ही यासीन भटकल के संपर्क में आया और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने लगा।
तहसीन ने बनाया था हैदराबाद धमाके का आइईडी
२१ फरवरी २०१३ को हैदराबाद के दिलखुशनगर में हुए दोहरे बम धमाके के लिए इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी) तहसीन अख्तर ने ही बनाया था। धमाके के लिए विस्फोटक और धन हवाला के जरिये पाकिस्तान से रियाज भटकल ने भेजे थे। इसका खुलासा २९ अगस्त २०१३ को भारत-नेपाल सीमा स्थित रक्सौल से पकड़े गए यासीन भटकल ने किया।
स्त्रोत : जागरण