चैत्र कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, ऐसे प्रणालोंको वैधानिक मार्गसे खडसाकर उनका स्थायी रूपसे बहिष्कार करें !
|
बेंगलुरू : कर्नाटकके एशियानेट ‘सुवर्ण कन्नड‘ प्रणालपर २३ मार्चको रात्रि १० बजे प्रसारित ‘सिंगर स्टार’ कार्यक्रममें नारदमुनिजीका घोर अनादर किया गया है । साथ ही गणपति, नारायण इत्यादि देवी-देवताओंपर भी अश्लाघ्य एवं हास्यजनक वक्तव्य दिए गए हैं । गायकोंकी प्रतियोगितावाले इस कार्यक्रममें नारद एवं अप्सराओंको निवेदक तथा परीक्षकोंके रूपमें दर्शाया गया है ।
इस कार्यक्रमके कुछ उपहासात्मक प्रसंग
१. स्पर्धक गायक विजय प्रकाशद्वारा एक हिंदी चलचित्रका गीत आरंभ करनेपर नारदमुनि एवं अप्सरा नृत्य करने लगते हैं ।
२. विजय प्रकाश कहते हैं कि यदि इंद्रलोकमें इस कार्यक्रमका प्रसारण किया गया होता, तो देवलोकके सभी देवी-देवताओंने पलायन किया होता । इसपर नारदमुनि कहते हैं, निश्चित ही ! क्योंकि वहां यह तांत्रिक अडचन उत्पन्न होती थी ।
३. अप्सरा नारदमुनिजीको कहती है, भूलोकमें आकर आप दुर्विद्या सीख रहे हो ।
४. नारद बीच-बीचमें मंत्रका उच्चारण करते हुए उनका उपहास करते रहते हैं ।
५. नारदमुनि चलचित्र अभिनेताओं समान अभिनय कर दिखाते हैं ।
६. अप्सरा नारदमुनिजीको कहती है कि आप बेलबॉटम पैंट क्यों नहीं सिलवा लेते ? इसपर नारदजी कहते हैं कि यहांका वातावरण गर्म होनेके कारण मेरा यह वस्त्र ही अच्छा है ।
७. अप्सरा कहती है, ‘हे नारदमुनि, मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि मेरे पेटमें मूषक चल रहा है । इसपर नारदमुनि कहते हैं, क्या गणेशने तो नहीं छोडा ?, गणेशजीको पूछता हूं कि आपने अपने मूषकको कहां छोडा ?’
(यह पढकर जिनका रक्त नहीं खौलता, वे हिंदु ही नहीं हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात