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नेपाल में ‘हिन्दू राष्ट्र’ की मांग के लिए आरंभ किए गए आमरण अनशन को हिन्दू जनजागृति समिति का समर्थन

संपूर्ण विश्व के हिन्दू तथा हिन्दूत्वनिष्ठ संघटनों से विनती करते है की वे नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग का समर्थन करें !

बाएं से (गले में माला डाले हुए) श्री. खेमनाथ आचार्य, श्री. प्रेमनिधी भारद्वाज, श्री. सागर कटवाल एवं श्री. कमलप्रसाद जोशी

काठमांडू : ‘नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने के लिए नेपाल के ४ हिन्दू युवकोंद्वारा आरंभ आमरण अनशन को हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा पूरा समर्थन व्यक्त किया गया है। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगले ने अनशन करनेवाले युवकोंको इस आशय का एक पत्र भेजा है।
(पत्र देखने हेतू यहां क्लिक करें)

इस पत्र में पू. डॉ. चारुदत्त पिंगले ने लिखा है कि नेपाल के प्रचलित राज्यसंविधान में उसको धर्मनिरपेक्षता का स्तर दिया गया है।

अतः नेपाल में धर्मपरिवर्तन तथा गोहत्या इत्यादि बातोंसे हिन्दू धर्म पर संकट आ गया है। नेपाल में हिन्दुओंकी जनसंख्या ८२ प्रतिशत है, इस लिए उसका ‘हिन्दू राष्ट्र्र’ होना अनिवार्य है। इस लिए हिन्दू जनजागृति समिती नैतिक, राजनीतिक एवं अन्य सभी संभावित मार्ग से ‘हिन्दू राष्ट्र’ की मांग के लिए कार्यरत हिन्दुओंको समर्थन व्यक्त कर रही है। ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए युद्ध में धर्मनिरपेक्ष भारतद्वारा किसी भी तरह हस्तक्षेप करने पर समिति भारत शासन से पत्रव्यवहार करेगी।

नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने की मांग के लिए आपद्वारा किए जानेवाले प्रयास सफल हों, ऐसी ईश्वर के चरणों में प्रार्थना !’

अनशन के ६ वें दिन श्री. कमलप्रसाद जोशी का स्वास्थ्य ढल गया !

Doctor checking the health of Kamal Prasad Joshi, whose health is deterioting

काठमांडू के खुलामंच में चल रहे आज पांचवे दिन अनशनकर्ता श्री. कमलप्रसाद जोशी का स्वास्थ्य ढल रहा है।

अनशन के आरंभ में २७ हिन्दू संगठनोंद्वारा इस आंदोलन को समर्थन दिया गया था। अब पांचवें दिन समर्थन देनेवाले संगठनोंकी संख्या १०० के उपर पहुंच गई है। प्रत्येक दिन हिन्दू, बौद्ध एवं इस्लाम धर्मीय संत एवं धर्मगुरु अनशनस्थल को भेंट देकर मार्गदर्शन कर रहे हैं।

नेपाल के एक भी लोकप्रतिनिधि ने उपोषणकर्ताओंसे भेंट नहीं की।

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नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने का समर्थन करने हेतु रखी गई
ऑनलाइन याचिकापर आप यहां से भी हस्ताक्षर कर सकते हैं ! 
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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