चैत्र शुक्ल पक्ष ६ कलियुग वर्ष ५११६
संस्कृतिका पालन तथा रक्षा करना एवं उसे आचरणमें लाना कितना महत्वपूर्ण है ? . . .
मार्गदर्शन करते समय श्री. रमेश शिंदे |
कटक (उडिसा) : यहांके ‘रेवेन शॉ विद्यापीठ’ में ‘राष्ट्र एवं संस्कृति तथा धर्मपर आक्रमण, कारण एवं उपाययोजना’ विषयपर हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदेका व्याख्यान आयोजित किया गया था । श्री. शिंदेने प्रोजेक्टर एवं दृश्यश्राव्यचक्रिकाकी सहायतासे अनेक प्रमाण एवं उद्बोधक जानकारी बताकर इस विषयके संदर्भमें मार्गदर्शन किया ।
पश्चिमी सभ्यतावाली संस्कृतिका प्रभाव, धर्मांध मानसिकताका बढता आक्रमण, राजनेताओंकी दायित्वशून्य एवं स्वार्थी मानसिकता इत्यादि अनेक सूत्रोंके विषयमें श्री. शिंदेने इस व्याख्यानमें सप्रमाण विश्लेषण कर संस्कृतिका पालन तथा रक्षा करना एवं उसे आचरणमें लाना कितना महत्वपूर्ण है, यह बताया । इस व्याख्यानके लिए स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करनेवाले ४० धर्म एवं राष्ट्रप्रेमी विद्यार्थी उपस्थित थे ।
क्षणिकाएं
१. इस व्याख्यानका आयोजन उत्कल विद्यापीठमें स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करनेवाले श्री. उपेंद्र बिस्वालने स्वयं किया था ।
२. इस व्याख्यानके आयोजन हेतु श्री. उपेंद्र भुवनेश्वरसे साइकिलपर २९ किमी दूरीसे कटकमें आए एवं व्याख्यानके पश्चात पुनः साईकिलसे भुवनेश्वरको गए ।
३. विषय सुननेपर अनेक विद्यार्थियोंने समितिके सदस्य होनेकी अपनी चाह व्यक्त की ।
४. व्याख्यानके उपरांत विद्यार्थियोंने राष्ट्र, धर्म एवं अध्यात्म के विषयमें ग्रंथ जिज्ञासासे देखे । कुछ लोगोंने ग्रंथ क्रय भी किए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात