चैत्र शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
कारवार (कर्नाटक) – यहांके श्री गणपति देवस्थान बाड नन्दनगड्डामें सामूहिक धर्मध्वज स्थापित करनेका कार्यक्रम आयोजित किया गया था । इस अवसरपर देवस्थानकी ओरसे महिलाओंके लिए ‘हलदी-कुंकुम’ कार्यक्रमका आयोजन किया गया था । `धर्मध्वज स्थापना’ कार्यक्रमके पश्चात हिंदू जनजागृति समितिकी श्रीमती नंदिनी पोकळेने अपने प्रवचनमें अध्यात्मशास्त्रानुसार गुढीपाडवा त्यौहार मनानेकी पद्धति स्पष्ट की । इस प्रवचनका लाभ ७० धर्माभिमानी महिलाओंने लिया ।
भटकळमें हिंदू जनजागृति समितिकी ओरसे गुढीपाडवा त्यौहारके अवसरपर श्री नाग महासती देवस्थानमें ३० मार्चको धर्माभिमानियों हेतु प्रवचन तथा धर्मध्वज स्थापनाका (गुढी स्थापित करनेका ) प्रात्यक्षिक दिखानेका कार्यक्रर्मभिमानियों हेतु आयोजित किया गया था । इस अवसरपर समितिके श्री. काशीनाथ प्रभुने अपने प्रवचनमें अध्यात्मशास्त्रानुसार गुढीपाडवा मनानेका महत्त्व, इस दिवसपर वातावरणमें होनेवाले परिवर्तन, तथा अभ्यंग स्नान, संवत्सर पूजा, धर्मध्वज स्थापना, देश-काल कथन एवं पंचांग वाचन आदि रूढियोंका महत्त्व विशद किया र्।क्रमका स्थानीय दूरचित्रवाणीकी ओरसे इस कार्यक्रमका प्रसारण किया गया तथा वृत्तपत्रोंने वृत्त प्रकाशित किए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात