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दैनिक सनातन प्रभातद्वारा भाजपापर होनेवाली आलोचनाका स्पष्टीकरण !

चैत्र शुक्ल पक्ष ६, कलियुग वर्ष ५११६

लोकसभाके चुनाव घोषित होते ही सभी पक्षोंद्वारा होनेवाला राष्ट्र तथा धर्म विरोधी मतप्रदर्शन, वक्तव्य एवं कृत्योंके विरुद्ध दैनिक सनातन प्रभातमें वस्तुनिष्ठ आलोचना की जाती है । इसमें सत्ताधारी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पक्षोंसे लेकर विरोधी पक्ष भाजपातक सभीके विरुद्ध आलोचना की जाती है । वर्तमानमें नरेंद्र मोदीके हिंदु राष्ट्रवादी विचारोंके कारण भाजपाके सत्तामें आनेकी दृढ संभावना उत्पन्न हो गई है । भाजपाकी इस तथाकथित सफलतामें १०० प्रतिशत हिस्सा मोदीका होगा; किंतु कुछ भाजपा समर्थक दैनिक सनातन प्रभातसे भाजपाके विरुद्ध होनेवाली आलोचनाके संदर्भमें, भाजपाके विरुद्ध आलोचना न करें, ऐसा कहकर सनातन प्रभातपर दबाव लानेका प्रयास करने लगे हैं । एक बार चुनाव हो जाने दो, तत्पश्चात आप आलोचना करें, उनकेद्वारा ऐसा भी कहा जा रहा है ।

सनातन प्रभात व्यक्ति अथवा पक्ष निष्ठ विचारपद्धतिके अनुसार वार्ताकारिता नहीं करता; अपितु ईश्वरनिष्ठ रहकर ईश्वरको अपेक्षित अर्थात रामराज्यानुसार अपेक्षित राज्यव्यवस्था लानेका प्रसार कर रहा है । तदनुसार शासनकर्ता तथा विरोधी पक्षोंद्वारा होनेवाली चूकोंपर उंगली रखकर उचित क्या है, यह बताना सनातन प्रभात अपना कर्तव्य मानता है । तदनुसार भाजपा द्वारा की गई चूकोंपर प्रकाश डाला जा रहा है । इससे पूर्व अटलबिहारी वाजपेयीके प्रधानमंत्री रहनेपर सनातन प्रभातने उनके कारोबारके अनुचित कृत्योंकी आलोचना की थी । यदि उनका प्रशासन उस आलोचनाको गंभीरतासे लेता, तो शायद उन्हें उसका लाभ होकर वे पुन: सत्तामें आ सकते थे; किंतु उन्होंने राममंदिर, धारा ३७०, समान नागरी अधिनियम, धर्मांध मुसलमान तथा ईसाई मिशनरी आदिद्वारा हिंदुओंपर हो रहे आघातोंके विषयमें कुछ भी कृत्य न करनेसे तथा सनातन प्रभातद्वारा निरंतर यह ध्यानमें लानेपर भी उस ओर दुर्लक्ष करनेसे उन्हें हारका सामना करना पडा । कर्नाटक राज्यमें भी भाजपाकी सत्ता होते हुए प्रशासनद्वारा की गई उन चूकोंपर सनातन प्रभातने उंगली रखी, किंतु किसीने सुना नहीं। अंतमें वहां भी भाजपाको सत्तासे हाथ धोना पडा । केंद्रमें भाजपाके पुन: सत्तामें आनेपर वे बातें दुहरायी न जाएं, इस हेतु सनातन प्रभात अभीसे भाजपाको सावधान करनेका कार्य कर रहा है । संविधानने प्रत्येक व्यक्तिको व्यक्तिस्वातंत्र्य, भाषणस्वातंत्र्य दिया है, तथा वृत्तपत्रोंको भी अपना मत प्रदर्शित करनेकी स्वतंत्रता दी है, और यही बात सनातन प्रभात राष्ट्र एवं धर्म हेतु बता रहा है । भाजपासमर्थक यदि यह बात ध्यानमें रखें तो हिंदुओंको ही उसका लाभ होगा ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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