चैत्र शुक्ल पक्ष ६, कलियुग वर्ष ५११६
- विकासकार्य करनेके नामपर देवस्थानके न्यासियोंने ही देवीके मूर्तिका मुखौटा, होमकुंड तथा दीपमालापर बुलडोजर फिराया !
- पुलिसद्वारा न्यासियोंके विरुद्ध पुजारीकी ओरसे परिवाद प्रविष्ट करनेमें टोलमटोल
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नगर(महाराष्ट्र) : पारनेर तहसीलमें निघोजके कुंडपर स्थित विश्वविख्यात कमोरे (रांजणखळगे) से युक्त १८०० वर्षपूर्वका प्रसिद्ध मलगंगादेवीका मंदिर देवस्थानके न्यासियोंने विकासकार्य करनेके नामपर उध्वस्त करनेकी धक्कादायी घटना हुई है । ( यदि देवस्थानके न्यासियोंको ही देवी तथा मंदिरोंके विषयमें कुछ लेन-देन नहीं है, तो आगे क्या बात करेंगे ? धर्मशिक्षाके अभावके कारण उत्पन्न इस भयावह स्थितिमें परिवर्तन करने हेतु ‘हिंदु राष्ट्र’ स्थापित करना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
इससे भी अधिक यह कि पारनेर पुलिस भी धार्मिक भावनाओंको आहत करनेके इस प्रकरणमें देवस्थान न्यासियोंके विरुद्ध पुजारी तुकाराम गायकेद्वारा अपराधकी प्रविष्टि करनेमें टालमटोल कर रही है । इसलिए अबतक अपराधकी प्रविष्टि नहीं की गई है । (इससे यही स्पष्ट होता है कि पुलिसकर्मियोंकी दृष्टिसे हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको कोई महत्व नहीं है । ऐसे पुलिसकर्मियोंको ‘हिंदु राष्ट्र’ में आजन्म कठोर साधना करनेका दंड दिया जाएगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस मंदिरमें शारदीय नवरात्रि उत्सव, चैत्र नवरात्रि उत्सव तथा कालाष्टमी जागरन गोंधल आदि कार्यक्रम नियमित रूपसे होते हैं । इस विषयमें न्यासियोंके साथ कुल मिलाकर २२ व्यक्तियोंके विरुद्ध अपराधकी प्रविष्टि करनेकीr मांग की गई है ।
विस्तृत समाचार …
१. २४ मार्चको दोपहर २ बजे न्यासियोंद्वारा देवीका मुखौटा, होमकुंड तथा दीपमालापर बुलडोजर फिराया गया । इस अवसरपर वहांके पुजारियोंद्वारा विरोध करनेपर भी उनपर ध्यान नहीं दिया गया ।
२. प्रत्यक्षमें ऐसी कार्यवाही करने हेतु न्यासियोंद्वारा ग्राम पंचायतसे कोई अनुमति नहीं ली गई थी तथा ग्रामसभामें वैसा प्रस्ताव भी पारित नहीं हुआ था अथवा धर्मादाय आयुक्तकी अनुमति भी नहीं ली गई थी ।
३. श्री. तुकाराम गायकेद्वारा इस विषयमें न्यास मंडल विसर्जित कर वहांपर होनेवाला निर्माण कार्य त्वरित रोका जानेकी मांग की गई है । उसीप्रकार उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा कदम नहीं उठाया गया, तो ७ एप्रिलसे वे आमरण अनशन करेंगे ।
४. मात्र पुलिसकर्मियोंने गायकेकी मांगको कोई महत्व न देकर आचारसंहिताका कारण बताकर अनशन न करनेकी सूचना की है । (एक तो अपराध प्रविष्ट नहीं करना तथा इसके विरुद्ध वैधानिक मार्गसे आंदोलन करनेका सिद्ध किया, तो वह भी नहीं करने देना, क्या यह पुलिसकर्मियोंकी मुगलाई नहीं है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात