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क्या राष्ट्रध्वजके अनादरके विषयमें आपको कोई गंभीरता नहीं है ?

चैत्र शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११५

हिंदू जनजागृति समितिद्वारा राष्ट्रध्वजका अनादर रोकनेके विषयमें प्रविष्ट की गई जनहित याचिका

  • मुंबई उच्च न्यायालयद्वारा निर्लज्ज कांग्रेस सरकारको फटकारा गया !

मुंबई : हिंदू जनजागृति समिति अनेक वर्षोंसे राष्ट्र्रध्वजका सम्मान करने हेतु प्रयत्नशील है । १५ अगस्त एवं २६ जनवरी समान राष्ट्रीय त्यौहारके पश्चात कागज एवं प्लास्टिकके ध्वज मार्गपर अथवा नालियोंमें बिखरे दिखाई देते हैं । इस प्रकारसे होनेवाला राष्ट्रध्वजका अनादर रोकने हेतु समिति कार्यरत है । इस विषयपर सरकार निष्क्रिय होनेके कारण समितिने इस विषयपर जनहित  याचिका प्रविष्ट की थी । इस याचिकाके पूर्व सुनवाईके समय उच्च न्यायालयने अतिरिक्त गृह सचिवको उच्च न्यायालयमें उपस्थित रहनेका आदेश दिया था ।

न्यायालयने इस याचिकापर इतनी गंभीरतासे ध्यान देनेपर भी ३ अप्रैलको याचिकाके सुनवाईके लिए आनेपर सरकारी अधिवक्ताने न्यायालयके समक्ष समय मांगा । सरकारी अधिवक्ताके इस विनतीपर संतप्त होकर न्यायमूर्ति अभय ओक एवं न्या.सईदके खंडपीठने ‘‘क्या राष्ट्रध्वजके अनादर समान महत्त्वपूर्ण विषयके संदर्भमें आपको कोई गंभीरता नहीं है ?’’ इस प्रकारसे फटकारते हुए एक सप्ताहमें जानकारी प्रस्तुत करनेके निर्देश दिए । इस प्रकरणमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा अधिवक्ता आनंद पाटिलने अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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