मुंबई – मुंबई की लोकल ट्रेनों में २००६ में हुए सीरियल बम धमाकों के नौ साल बाद मकोका कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। १४ आरोपियों में से १२ लोगों को गुनहगार करार दिया गया। अब्दुल वाहिद नाम के आरोपी को बरी कर दिया गया। उस पर पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप था। दोषियों की सजा का एलान सोमवार को होगा।
दोषियों के नाम
एहतेशाम सिद्दीकी, कमाल अंसारी, फैजल शेख, तनवीर अहमद अंसारी, मोहम्मद माजिद शफी, शेख आलम शेख, मोहम्मद साजिद अंसारी, मुजम्मिल शेख, सोहेल महमूद शेख, जमीर अहमद शेख, नवेद हुसैन खान, आसिफ खान।
बता दें कि केस का ट्रायल स्पेशल जज वाई डी शिंदे की अदालत में चल रहा था। आरोपियों पर देश के खिलाफ जंग छेड़ने समेत कई आरोप थे। कोर्ट ने फैसला सुनाए जाने की जानकारी गुरुवार को मामले से जुड़े पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, बचाव पक्ष के वकील और जेल अधिकारियों को दी थी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को फैसले के वक्त मौजूद रहने को कहा था।
कब हुआ था हमला ?
- ११ जुलाई, २००६ को वेस्टर्न सबअर्बन इलाके की ट्रेनों की सात कोचों में हुए सिलसिलेवार धमाके में १८९ लोगोंकी की मौत हो गई थी और ८२४ लोग घायल हो गए थे।
- ब्लास्ट शाम ६ बजकर २४ मिनट से लेकर ६ बजकर ३५ मिनट के बीच हुए। यह वो वक्त था, जब मुंबई के लोकल ट्रेनों में लाखों पैसेंजर काम के बाद घर लौटते हैं।
- एंटी टेररिज्म स्क्वैड ने २० जुलाई, २००६ से ३ अक्टूबर, २००६ के बीच आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- उसी साल नवंबर में आरोपियों ने कोर्ट को लिखित में जानकारी दी कि उनसे जबरन इकबालिया बयान लिए गए।
- चार्जशीट में ३० आरोपी बनाए गए। इनमें से १३ की पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के तौर पर हुई। बाकी १७ भारतीय हैं। इन १७ में से ४ की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई।
- सभी आरोपी सिमी के संदिग्ध आतंकी थे। ट्रायल पिछले साल अगस्त में खत्म हुआ था। प्रॉसिक्यूशन ने १९२ गवाहों को एग्जामिन किया। डिफेंस लॉयर ने ५१ गवाहों को एग्जामिन किया।
- केस में कई उतार चढ़ाव आए। २००८ में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगा दी। एक पिटीशन में मकोका कानून के प्रोविजन को चैलेंज किया गया था। दो साल बाद, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर से ट्रायल शुरू हुआ।
क्या कहना है प्रॉसिक्यूशन का ?
प्रॉसिक्यूशन का कहना है कि बम मुंबई में ही बनाए और असेंबल किए गए। बम फर्स्ट क्लास के कंपार्टमेंट्स में शाम के वक्त इस तरह प्लान्ट किए गए कि वे ११ मिनट के अंतराल में सिलसिलेवार ढंग से उनमें ब्लास्ट हो। ये बम प्रेशर कुकर में प्लान्ट किए गए थे। एटीएस के मुताबिक, बम ब्लास्ट का मकसद एक ‘खास कम्युनिटी’ को निशाना बनाना और गुजरात दंगों का बदला लेना था।
स्त्रोत : पत्रिका