चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६ पुनर्प्रवेश
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मुंबई : धर्मपरिवर्तित हिंदुओंको हिंदु धर्ममें ऐच्छिक पुनर्प्रवेश देनेके लिए तथा विदेशी अहिंदुओंका ऐच्छिक हिंदुकरण करनेके लिए ५ मार्चको सनातन हिंदु धर्मदीक्षा केंद्रकी स्थापना की गई थी । वहां ३ अप्रैलको धर्मांतरित व्यक्तियोंका शुद्धीकरण समारोह संपन्न हुआ ।
प्रारंभमें धर्मांतरित व्यक्तियोंद्वारा हिंदु धर्ममें प्रवेश करनेकी अनुमति देनेके संदर्भमें उपस्थित ब्रह्मवृंदोंसे प्रार्थना की, साथ ही कृच्छ्रत्रय प्रायश्चित्तका संकल्प लेकर द्रव्यद्वारा प्रायश्चित्त किया गया । तदनंतर मुंडनसंस्कार एवं क्षौर विधि की गई । तत्पश्चात पंचगव्य प्राशन किया गया । उस समय गणपतिपूजन, पुण्याहवाचन एवं अभिषेक किया गया ।
इस प्रकार धर्मांतरित व्यक्तियोंकी नामकरण विधि संपन्न हुई । अंतमें शुिद्धहोम किया गया । इस प्रकार धर्मदीक्षा केंद्रके माध्यमसे ४ धर्मांतरित व्यक्तियोंने सनातन हिंदु धर्ममें प्रवेश किया । उस अवसरपर पुरोहित पाठशालाके पुरोहितोंद्वारा विधिका पौरोहित्य किया गया ।
हिंदु धर्म अपनानेकी इच्छा रखनेवाले अनेक विदेशस्थ अहिंदुओंका हिंदुकरण करनेके साथ-साथ हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन रोकना तथा हिंदु धर्मका प्रसार करना, इसी उद्देश्यसे इस केंद्रकी स्थापना की गई है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात