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छत्तीसगढ : मिशनरी स्कूल के प्रिंसिपलद्वारा चौथी कक्षा की नाबालिग छात्रा से बलात्कार

rape_victimबैंकुठपुर – कक्षा चौथी की आठ वर्षीय हॉस्टल में रहनेवाली छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में कोरिया जिले में स्थित मिशनरी स्कूल के प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी प्रिंसिपल के साथ दो महिला सहयोगियों को भी इस मामले में साथ देने का आरोपी बनाया गया है। वहीं पीड़ित छात्रा को उपचार के लिए अस्पताल दाखिल कराया गया है।

प्रिंसिपल की इस करतुत की खबर फैलत ही इलाके में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी, हजारों लोग सडकों पर प्रदर्शन करने उतर आए थे, जिनमें स्कूली छात्र-छात्राओं की संख्या ज्यादा थी, बिगडते हालात को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल लगाना पड़ा। पुलिस ने गिरफ्तार जोसेफ पर आईपीसी की धारा ३७६, पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। 

खबर फैलते ही तनाव

प्रिंसिपल की घिनौनी हरकत, उस पर पुलिस की नाफरमानी क्षेत्र की जनता के बीच आग की तरह फैल गई। हजारों लोग पाठशाला के बाहर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे और जमकर तोडफोड भी हुर्इ। बिगड़े हालात को देखते हुए कोरिया पुलिस अधीक्षक बीएस ध्रुव और सीएसपी चिरमिरी आरएन यादव भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हालात के चलते पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया। 

पूर्व में लग चुका है आरोपी

भीड अब भी शासन की बात सुनने को तैयार नहीं है। पूरा इलाका छावनी बना हुआ है । लोगों का कहना है कि, इससे पहले भी प्रिंसिपल ने एक लडकी के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया था। आरोप है कि मामला सामने आने के बाद उसने लड़की के परिजनों को डरा-धमकाकर और लालच देकर मामला दबा दिया और उसे रायपुर के किसी स्कूल में शिफ्ट करवा दिया।

ऐसे सामने आई हकीकत

मामला पोड़ी थाना क्षेत्र के सरभोका में स्थित ज्योति मिशन एवं वियानी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है। पीड़ित छात्रा ने बुधवार को चोरी-छिपे हॉस्टल के गार्ड से फोन मांगकर अपने परिजनों से बात की। उसने परिजनों को बताया कि उसकी तबीयत काफी खराब है और वह बाहर जाना चाहती है। परिजनों के पहुंचने पर वार्डन क्रिस्टा मारिया ने परिजनों से कहा कि बच्ची की तबीयत खराब है, चिरमिरी जाकर डॉक्टर को दिखा दो और फिर हॉस्टल लाकर छोड़ देना।

सिस्टर के कहने पर बच्ची के अभिभावक उसे अस्पताल ले गए जहां उसने गुप्तांग में दर्द और ब्लीडिंग की शिकायत की। इसपर डॉक्टर ने उसे महिला डॉक्टर के पास जाने और पुलिस को भी सूचित करने की सलाह दी। अगले दिन जब वे शिकायत लेकर पोड़ी थाने पहुंचे तो पुलिस बच्ची को लेकर मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल ले गई। पुलिस के मुताबिक वहां के डॉक्टर स्थिति स्पष्ट करने में असफल रहे।

स्त्रोत : दबंग दुनिया

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