चैत्र शुक्ल पक्ष ८, कलियुग वर्ष ५११५
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दिल दहला वाले सूर्यानेल्ली बलात्कार मामले के १८ साल बाद केरल उच्च न्यायालय ने प्रमुख आरोपी धर्मराजन को आजीवन कारावास की सजा सुनायी, जबकि २३ अन्य आरोपियों की सजा को वैध ठहराया गया।
न्यायमूर्ति के टी शंकरन एवं न्यायमूर्ति एम एल जोसेफ फ्रांसिस की विशेष पीठ ने आरोपियों की अपील पर यह फैसला सुनाया। घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी। उसे आरोपी केरल एवं तमिलनाडु के विभिन्न स्थलों पर ले गये। चालीस दिनों में ३००० किमी की यात्रा के दौरान विभिन्न जगह पर ४० से ज्यादा लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसे २६ फरवरी १९९६ को रिहा किया गया।
मामले में ३६ आरोपी थे, जिनमें मुकदमे के दौरान पांच की मौत हो गयी। इस मामले की नये सिरे से सुनवाई के लिए बनायी गयी पीठ ने सात आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने आरोपियों को पांच से लेकर १३ साल तक की सजा सुनायी है तथा २३ आरोपियों पर जुर्माना लगाया गया है।
पहले आरोपी एवं इडुक्की में बस चालक राजू और दूसरी आरोपी उषा को अल्पवय लड़की को अपने कब्जे में लेने और अन्य आरोपियों को सौंपने के लिए १३ साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है। पीठ ने पीड़िता के चरित्र के बारे में आरोपियों के नजरिये को भी खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया था कि लड़की ने उनके कब्जे से भागने का प्रयास नहीं किया, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया।
स्त्रोत : live हिंदुस्तान.com