चैत्र शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११५
राष्ट्रीय हिंदू आंदोलन
कोल्हापुरमें आंदोलन करते धर्माभिमानी |
कोल्हापुर : पुरातत्व सर्वेक्षण विभागद्वारा श्रीनगरके प्रसिद्ध डल सरोवरके समीप हिंदुओंके परमोच्च आस्थास्रोत श्री शंकराचार्य पहाडी स्थानका पुरातन नाम अवैधानिक रूपसे बदलकर ‘तख्त-ए-सुलेमान’ किया गया है । इस विषयमें पुरातत्व विभाग एवं कश्मीर राज्यसरकारद्वारा हिंदुओंसे सार्वजनिक रुपसे क्षमायाचना करने एवं संकेतस्थलपर बदला हुआ नाम भी पूर्ववत करनेकी मांगको लेकर ६ अप्रैलको दोपहरमें १२ बजे छत्रपति शिवाजी चौकमें राष्ट्रीय हिंदु आंदोलनद्वारा प्रदर्शन किए गए । इस अवसरपर ४० धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
उपस्थित हिंदुनिष्ठ !
हिंदु एकता आंदोलनके प्रांत उपाध्यक्ष सर्वश्री दिलीप भिवटे, शिवाजीराव ससे, हिंदु महासभाके महाराष्ट्र प्रदेश सहसंगठक श्री. संजय कुलकर्णी, बजरंग दलके जिलाप्रमुख संभाजी सालंखे, हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ता एवं सनातन संस्थाके साधक आदि
हिंदुनिष्ठोंके मनोगत
१. श्री. दिलीप भिवटेने कहा कि हिंदुओंपर अत्याचार करनेवाले मुगलोंके नाम देकर धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्तरपर हिंदुओंको अपमानित किया जा रहा है । देश स्वतंत्र होनेके उपरांत भी मुगलोंके नाम किसलिए दिए जाते हैं ?
२. श्री. संजय कुलकर्णीने कहा कि हिंदू जनजागृति समितिके नेतृत्वमें सभी संप्रदाय एवं संगठनोंको संगठित होकर विदेशी आक्रमणोंके विरोधमें आंदोलन करना अच्छी बात है ।
३. श्री. संभाजी सालुंखेने कहा कि औरंगजेबने छत्रपति संभाजी महाराजकी हत्या की, तब भी नगरको औरंगजेबका नाम क्यों दिया जाता है ? मुगलोंके नाम बदलकर वहां अर्जुन तथा संभाजी जैसे नाम देने चाहिए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात