सारणी
- १. वर्ष २०२३ से २०२५ तक हम हिंदु राष्ट्र स्थापित करके ही रहेंगे, इस विषयमें कोई संदेह न रखें !
- २. हिंदुओ, हिंदु राष्ट्रकी निर्मिति होनेके लिए यह अवश्य करें !
- ३. अन्य धर्मियोंकी भांति हिंदु धर्मका विकास सुनियोजितरूपसे न होना, यह हिंदु राष्ट्र-निर्मितिकी बाधा !
- ४. हिंदु राष्ट्र निर्मितिका विचार केवल सनातन संस्था अथंवा हिंदू जनजागृति समितिके मनमें नहीं, अपितु सभीके ही मनमें आना चाहिए !
- ५. धर्महानि करनेवालोंको हमें ही रोकना होगा !
- ६. मुसलमान और ईसाई तथाकथित सर्वधर्मसमभावी (सेक्युलर) (हिंदू) लोगोंका आधार लेकर भारतमें हिंदु राष्ट्रके विरोधमें कार्य करना
- ७. हिंदुआेंको ज्ञान अथवा धर्मकी शिक्षा देने हेतु मंदिरोंका महत्त्व बढाओ !
- ८. हिंदू संगठनोंके नेता चाहें, तो १० मिनटमें हिंदु राष्ट्रकी स्थापना हो सकती है !
श्री. उपानंद ब्रह्मचारी, संपादक, हिंदू एक्जिस्टन्स, बंगाल. |
१. वर्ष २०२३ से २०२५ तक हम हिंदु राष्ट्र स्थापित करके ही रहेंगे, इस विषयमें कोई संदेह न रखें !
वर्ष २०२३ से २०२५ तक हम हिंदु राष्ट्र स्थापित करके ही रहेंगे ! लोकमान्य तिलक, वीर सावरकर और डॉ. हेडगेवारने हिंदु राष्ट्रका जो चिंतन प्रस्तुत किया, वह अभीतक साकार नहीं हुआ । किंतु अधिवेशनके द्वितीय वर्षमें ही हम लोगोंको लगने लगा कि वर्ष २०२३ से २०२५ तक हम हिंदु राष्ट्र स्थापित करके ही रहेंगे । इस विषयमें मनमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए ।
२. हिंदुओ, हिंदु राष्ट्रकी निर्मिति होनेके लिए यह अवश्य करें !
२ अ. धर्मपालन कर स्वयंमें १०० प्रतिशत हिंदुत्व निर्माण करो !
हिंदु राष्ट्र गठित करनेके लिए हम सब एकत्रित हुए हैं । भारतमें ८० प्रतिशत लोग हिंदू हैं, विविध हिंदू संगठन हैं, किंतु तत्पश्चात भी हिंदु राष्ट्र नहीं बना । इसका कारण यह है कि मनमें दुविधा है, संदेह है । कोई भी संदेह हिंदु राष्ट्र बनानेमें बाधा ला सकता है । हिंदु राष्ट्रके लिए हम इकठ्ठा हुए हैं; किंतु धर्मसे हटकर ! हिंदु राष्ट्र बनानेके लिए हमें धर्मका पालन करना चाहिए । १०० प्रतिशत हिंदुत्व जब हमारे मनमें आएगा तब हिंदु राष्ट्र बनाना सुलभ हो जाएगा । २०२३ से २०२५ तक हिंदु राष्ट्र बन जाएगा यह निश्चय कर यदि हम चलते हैं, तभी हिंदु राष्ट्र संभव होगा ।
२ आ. धार्मिक साक्षरता बढाओ ! धर्मशिक्षा लो !
हिंदु राष्ट्रकी स्थापना हेतु धार्मिक निरक्षरताको हटाकर धार्मिक साक्षरता बढानी होगी । भारतमें अधिकांश लोग धार्मिक दृष्टिसे निरक्षर हैं । हम जब हिंदू राष्ट्रके विषयमें सोचते हैं, तब यह ध्यान रखना होगा कि, हमारी निरक्षरता अर्थात धार्मिक निरक्षरता है । हमें इस धार्मिक निरक्षरताको हटाना होगा । धर्मके विषयमें साक्षरता बढानेके लिए कुछ योजनाएं बनानी होंगी । प्रत्येक हिंदूके धार्मिक बननेसे धर्म राष्ट्र अर्थात हिंदु राष्ट्र बनना सुलभ हो जाएगा ।
२ इ. धार्मिक बननेके लिए नैतिक मूल्योंको आचरणमें लाएं !
शुद्ध नैतिकताका आचरण करनेसे भी हम धार्मिक हो सकते हैं । स्वामी विवेकानंदने कर्मकांड और धर्मके विषयमें कहा है, मंदिरमें जाना हमारा कर्तव्य है; परंतु मंदिरमें न जाए बिना भी हम धर्माचरण कर सकते हैं । धर्म कर्मकांडसे भिन्न है । इसके विषयमें स्वामी विवेकानंदने कहा है, धर्म दिव्यताकी अभिव्यक्ति है । (रिलिजन इज द मैनिफस्टेशन ऑफ डिविनिटी), महर्षि अरविंदने दैवी जीवन (डिवाईन लाईफ), कहा है । शुद्ध आचरण, धार्मिक और नैतिक मूल्योंका आचरण कर हम धर्मपालन कर सकते हैं ।
२ ई. ब्राह्मतेज और क्षात्रतेज बढाएं !
ब्राह्मतेज और क्षात्रतेजका विकास करनेपर ही हम हिंदु राष्ट्रका निर्माण कर सकते हैं । संगठन चलाते समय जो लोग हमारा विरोध करते हैं, उनका नाश करना चाहिए । गीतामें भगवान श्रीकृष्णने कहा है, परित्राणाय साधुनाम् । विनाशायच् दुष्कृताम् । ऐसा करनेसे ही धर्मसंस्थापना होगी । हमें धार्मिक बल बढाना होगा । सनातन संस्थाने कहा है, ब्राह्मतेजका विकास और जो हमारे विरुद्ध हो उनका सर्वनाश । ऐसा करनेसे ही हिंदु राष्ट्र बनेगा, किंतु यही हम नहीं करते । ब्राह्मतेज और क्षात्रतेजका विकास करनेके लिए स्वयं भगवानने ही कहा है ।
३. अन्य धर्मियोंकी भांति हिंदु धर्मका विकास
सुनियोजितरूपसे न होना, यह हिंदु राष्ट्र-निर्मितिकी बाधा !
इस्लाम और ईसाईयतका विकास सुनियोजित ढंगसे हुआ है । बलवान संगठन होते हुए भी भारतमें नियोजनके अभाववश हिंदु राष्ट्र नहीं बन पाया । हम नियोजनबद्धरूपसे काम नहीं करते, इसके निम्नलिखित दुष्परिणाम हुए हैं ।
अ. १९४७ में जब भारतका विभाजन हुआ, तब पाकिस्तानको मुस्लिम राष्ट्र मिल गया; परंतु वर्ष १९२५ से बलवान संगठन होते हुए भी देशमें हिंदु राष्ट्र नहीं बन पाया ।
आ. हम देखते हैं तिब्बतमें स्वतंत्रताके लिए कितने ही बौद्ध भिक्षुक आत्माहुति देते हैं । हम लोगोंने क्या किया ? हिंदु राष्ट्र नहीं बना, तो चुपचाप स्वीकार कर लिया ।
इ. १९४७ के पश्चात हमने देखा, हिंदु राष्ट्र हाथसे निकलता जा रहा है, परंतु कुछ नहीं किया ।
ई. १९७१ बांग्लादेशमें मुक्ति आंदोलन हुआ, उस समय हिंदुओंकी क्या दुर्दशा हुई ? तब भी हम शांत रहे !
उ. १९८२ में कश्मीर घाटीमें हिंदुओंपर वार हुए । ये सब होता रहा, और हम चुपचाप बैठे रहे ।
४. हिंदु राष्ट्र निर्मितिका विचार केवल सनातन संस्था
अथंवा हिंदू जनजागृति समितिके मनमें नहीं, अपितु सभीके ही मनमें आना चाहिए !
भगवानने यह सिद्ध कर दिखाया कि ऐसा एक संगठन है, जो २०२३ से २०२५ तक हिंदु राष्ट्र स्थापित करेगा ! अन्य किसी संगठनके पास जाकर पूछेंगे कि हिंदु राष्ट्र कब होगा, तो वे बात टालनेका प्रयास करते हैं । उनकी इच्छा ही नहीं है कि हिंदु राष्ट्र बने । २०१२ में हिंदु राष्ट्र होगा, यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघकी शाखासे कई बार सुनते आए हैं, किंतु नहीं बना । क्यों नहीं बना, इस संदर्भमें अब कुछ नहीं लगता; क्योंकि भगवानने यह सिद्ध कर दिखाया कि ऐसा एक संगठन है, जो २०२३ से २०२५ तक हिंदु राष्ट्र स्थापित करनेवाला है ।
यह विचार केवल सनातन संस्था अथवा हिंदू जनजागृति समितिका ही नहीं, अपितु सभीके मनमें होना चाहिए; तभी हिंदु राष्ट्रका निर्माण करना सुलभ होगा ।
५. धर्महानि करनेवालोंको हमें ही रोकना होगा !
हमारे धर्मकी हानि करनेवाले विषयोंको अब हमें हटाना ही होगा । हिंंदुओंके मनमें जो सर्वधर्मसमभाव है, वह सरासर झूठ है । धर्म तो एक ही है । हम लोग हमारा धर्म जानते हैं, तब भी अधर्मियोंका सम्मान करना, हमारा स्वभाव बन गया है । आज हमारे देशमें घुसपैठिए आते हैं, उन्हें अनुमति मिलती है । चौराहेपर मुसलमानका उपाहारगृह बनता है, मस्जिदमें चार-चार ध्वनि- विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) लगाए जाते हैं, सबको अनुमति है । यह सब हमें बंद करना होगा । हमारे धर्मकी हानि करनेवालोंको रोकनेका प्रयास यदि हमने नहीं किया, तो यह ऐसा ही होता रहेगा ।
६. मुसलमान और ईसाई तथाकथित सर्वधर्मसमभावी
(सेक्युलर) (हिंदू) लोगोंका आधार लेकर भारतमें हिंदु राष्ट्रके विरोधमें कार्य करना
आज हिंदुओंकी जो स्थिति है, उसके कारण हैं जयचंदी हिंदू ! यदि आप थोडा गहन अध्ययन करेंगे, तो आपको समझमें आएगा कि धर्महानि भी इन जयचंदी हिंदुआेंके सहयोगसे की जाती है ! ये जयचंदी हिंदू कौन हैं ? ये जयचंदी हिंदू हैं अखिलेश यादव, उनके पिता मुलायमसिंह यादव, नितिशकुमार, ममता बैनर्जी और ये सब निधर्मी (सेक्युलर) हैं ! ये मुसलमान और ईसाईसे भी अधिक हानिकारक हैं; क्योंकि मुसलमान और ईसाई सेक्युलरको आधार बनाकर भारतमें हिंदु राष्ट्र विरोधी कार्य कर रहे हैं । इस निधर्मीवादको (सेक्युलेरिज्मको) पूर्णतया हटा देना चाहिए, नहीं तो आरक्षण दिया जाएगा और ये आरक्षण धर्मपर आधारित होगा ।
७. हिंदुआेंको ज्ञान अथवा धर्मकी शिक्षा देने हेतु मंदिरोंका महत्त्व बढाओ !
चर्चमें जानेवाले ईसाई और मस्जिदमें जानेवाले मुसलमानोंको उनके धर्मका संपूर्ण ज्ञान मिलता है; परंतु हिंदुओंको अपने मंदिरमें ऐसा ज्ञान नहीं मिलता अथवा धर्मके विषयमें कोई भी शिक्षा कहीं भी नहीं मिलती । मंदिरोंका महत्त्व घट गया है, उसको बढाना चाहिए । मंदिरोंकी हमने अनदेखी की है । हिंदुओंका एक सार्वजनिक पूजा दिन होना चाहिए । उस विशेष दिन हिंदुओंको मंदिर जाना ही चाहिए । यदि ऐसा होगा, तो जो उपेक्षित मंदिर हैं, उनकी स्थितिमें परिवर्तन आ जाएगा ।
८. हिंदू संगठनोंके नेता चाहें, तो १० मिनटमें हिंदु राष्ट्रकी स्थापना हो सकती है !
हिंदू संगठनोंके नेता चाहें, तो १० मिनटमें हिंदु राष्ट्रकी स्थापना हो सकती है ! सभी हिंदू संगठनोंके नेता यदि हिंदु राष्ट्रके लिए एक साथ आकर संकल्प करें, तो दस मिनटमें हिंदु राष्ट्र बन सकता है; परंतु हम लोग एक होकर नहीं बैठते । सारे लोग अलग-अलग प्रयास कर रहे हैं ।
सारी बाधाओंको सुलझानेके लिए भगवानसे, हिंदुआेंको सुबुद्धि हो, एक साथ सभी हिंदु राष्ट्रके लिए जुट जाएं, हिंदु राष्ट्रकी स्थापनामें आनेवाली प्रत्येक बाधा टल जाए, ऐसी प्रार्थना करेंगे ।