चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११५
जो भी बलशाली हिंदुनिष्ठ संगठन भारतके हिंदुओंकी रक्षा करनेमें असमर्थ हैं, वे बांग्लादेशके हिंदुओंकी रक्षा क्या करेंगे ?
ढाका : १२ मार्चको धर्मांध जिहादीयोंने बांग्लादेशके नारायणगंज जनपदके रणजीत पाल तथा श्रीमती संध्या पालकी तेरह वर्षीय पाठशालामें पढनेवाली लडकीका अपहरण किया । अभीतक लडकी तथा धर्मांध जिहादीयोंका पता नहीं चला है । अतः लडकीके अभिभावकोंने यह आरोप लगाया है कि पुलिसवाले अन्वेषणमें सुस्ती कर रहे हैं ।
१. रणजीत पाल तथा संध्या पाल ये दोनों ही दैनिक भत्तेपर कार्य करनेवाले श्रमिक हैं । उनकी लडकी रूपगंजके बरपा हाजी नुरुद्दीन भुइया माध्यमिक पाठशालामें सातवीं कक्षामें पढ रही थी ।
२. पिछले अनेक दिनोंसे उस लडकीपर उसी गांवके मसूद राणा नामक कुविख्यात गुंडेकी दृष्टि (नजर) थी ।
३. १२ मार्चको प्रातः ११ बजे पाठशाला जाते समय मसूद राणा, अर्जीना, बसेद तथा शांति बेगमने उस लडकीको बलपूर्वक एक मिनी बसमें बिठा लिया । अनेक प्रत्यक्षदर्शी लोगोेंने ऐसा बताया कि वह लडकी चिल्ला रही थी; किंतु कोई भी उसकी सहायता करनेके लिए आगे नहीं आया ।
४. जब लडकीके अभिभावक रूपगंज पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट करनेके लिए गए, तो उनसे राशिकी मांग की गई ।
५. अभिभावकके निराश होनेपर जब बांग्लादेश माइनोरिटी वाच हिंदुनिष्ठ संगठनके अध्यक्ष श्री. रवींद्र घोष तथा अन्य दो सहायक पूछताछ करने हेतु गए, तो १७ मार्चको पुलिसने बसेद, इस धर्मांध जिहादीको बंदी बनाया; किंतु अभीतक लडकी तथा अन्य धर्मांधाेंका पता नहीं चला है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात