१. अधिवेशनमेें सहभागी हुए अधिवक्ता ठोस कार्य करेंगे !
अखिल भारतीय अधिवेशनमें भारतके कोने-कोनसे आए २६ अधिवक्ताओंने सहभाग लिया । २ दिनोेंके विचारविनिमयसे कुछ ठोस कार्य करनेके संबंधमेें निर्णय लिया गया ।
२. अधिवक्ताओेंकी चर्चामेें पारित निर्णय
२ अ. हिंदु विधिज्ञ परिषद हिंदुविरोधी कानूनोंके विरोधमेें कानूनी लडाई लडेगी !
सांप्रदायिक हिंसा अधिनियम (कम्युनल वॉयलन्स एक्ट), सच्चर समितिका ब्यौरा जैसे प्रस्तावित हिंदुविरोधी कानूनोंके विरोधमें हिंदु विधिज्ञ परिषद न्यायालयमें तथा जहां अवसर मिले, वहां कानूनी लडाई लडेगी ।
२ आ. सर्व धर्मरक्षकोंके साथ मिलकर न्यायिक लडाई करने हेतु हिंदु विधिज्ञ परिषद सिद्ध
गायोंकी रक्षा हेतु गोप्रेमियोंको आवश्यक कानूनी सहायता हिंदु विधिज्ञ परिषद करेगी । सभी धर्मरक्षकोंके साथ न्यायिक लडाई करनेके लिए वह सिद्ध है । अन्य कोई भी व्यक्ति अथवा संगठन हिंदु राष्ट्रकी स्थापना हेतु कार्य करे, तो न्यायालयीन लडाईमेें वह सार्वजनिक रूपसे सहभागी होगा । न्यायालयीन लडाईका दायित्व संपूर्णतया हिंदु विधिज्ञ परिषद स्वीकार करता है ।
२ इ. हिंदु विधिज्ञ परिषद राष्ट्रीय स्तरपर अधिवक्ताआेंका संगठन करने हेतु नेतृत्व करेगी
यह कोई संतृप्तिका समय (सैचुरेशन पीरियड) नहीं, अपितु आरंभकाल है । ताल्लुका और जनपद स्तरपर अथवा उच्च न्यायालयमें कार्यरत धर्मप्रेमी अधिवक्ताआेंसे संपर्क कर शीघ्रातिशीघ्र भारतमेें अधिवक्ताओेंका राष्ट्रीय स्तरपर संगठन निर्माण करने हेतु हिंदु विधिज्ञ परिषद इस वर्ष कार्य करेगी ।
– अधिवक्ता नागेश ताकभाते, गोवा शाखा सचिव, हिंदु विधिज्ञ परिषद