चैत्र शुक्ल पक्ष ११, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, इस सफलताके लिए ईश्वरके चरणोमें कृतज्ञता व्यक्त करें !
बेंगलुरू – यहांके हेन्नुर प्रमुख मार्गके समीप श्री साईबाबा मंदिरमें लगाया गया ईसामसीहका छायाचित्र हिंदू जनजागृति समितिद्वारा किए गए प्रबोधनके पश्चात हटाया गया ।
हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंके ध्यानमें आनेपर कि हिंदु मंदिरमें ईसामसीहका छायाचित्र लगाया गया है, उन्होंने इस विषयमें मंदिरके व्यवस्थापकोंसे विचार-विमर्श किया; परंतु व्यवस्थापकोंने छायाचित्र हटाना स्पष्ट रुपसे अस्वीकार किया । तत्पश्चात समितिके कार्यकर्ताओंने मंदिरके न्यासियोंसे संपर्क कर उन्हें हिंदुओेंके मंदिरमें येशू मसीहका छायाचित्र लगाना अनुचित है, बतानेका प्रयास किया । इसपर उन्होंने उत्तर दिया कि सभी भगवान एक ही होते हैं । इसपर समितिके कार्यकर्ताओंने उन्हें आगे दिए प्रश्न पूछे ।
१. हम सभी धर्मोंका सम्मान करते हैं । सब भगवान एक ही है, ऐसा मानते हैं; परंतु इसके माध्यमसे क्या हिंदुओंके धर्मपरिवर्तनका प्रचार करना चाहिए ?
२. अधिकांश ईसाई हिंदुओंका प्रसाद क्यों नहीं ग्रहण करते ? वे अपने धर्मका सम्मान क्यों नहीं करते ?
३ अपप्रचारके कारण अधिकांश हिंदु ईसाई धर्म स्वीकार कर रहे हैं । हिंदुओंके मंदिरमें ऐसा गलत प्रचार होने लगा, तो क्या धर्मपरिवर्तनको प्रेरणा नहीं मिलेगी ?
४. हिंदु अन्य धर्मका सम्मान करते हैं; परंतु अन्य धर्म हिंदु धर्मका सम्मान नहीं करते ।
५. यदि भगवान एक ही है, तो चर्च अथवा मस्जिदमें हिंदु देवी-देवताओंके छायचित्र क्यों नहीं लगाए जाते ?
६. मंदिरमें ईसामसीहके छायाचित्रकी क्या आवश्यकता है ?
हिंदू जनजागृति समितिके इन प्रश्नोंको मंदिरके न्यासी उत्तर नहीं दे सके । तदुपरांत मंदिरमें लगाया ईसामसीहका छायाचित्र हटाया गया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात