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श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन बहते पानी में ही करें ! – अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर

वार्ताहर सम्मेलन में बोलते समय बाएं से अधिवक्ता संदीप अपशिंगेकर, अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर, श्रीमती राजश्री तिवारी एवं श्री. वीरेंद्र उत्पात

पंढरपूर (महाराष्ट्र) – आजकल पंढरपूर की नदीमें प्रदूषण हो रहा है, ऐसा कुप्रचार फैलाया जा रहा है । गणेशमूर्ति विसर्जन के कारण प्रदूषण होता है, ऐसा प्रशासन व्दारा बताया जाता है । उसी प्रकार टंकी में गणेशमूर्ति विसर्जन न करने पर कारवाई होगी ,ऐसा धमकाया भी जा रहा है । प्रत्यक्ष में न्यायालय ने बताया था कि, नदी के प्रदूषण के संदर्भ में टंकी में विसर्जन करने के विषय में प्रबोधन करें । इसलिए हिन्दू विधीज्ञ परिषद के अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर ने आवाहन किया कि, धर्मशास्त्र के अनुसार श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन बहते पानी में ही करें । स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर वाचनालय में हुए पत्रकार परिषद में सनातन संस्था के अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर बोल रहे थे ।

उस समय हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती राजश्री तिवारी ने कहा, ‘हिन्दूधर्म में बताएनुसार उत्सव मनाए जानेपर एक प्रतिशत भी प्रदूषण नहीं होगा । उसके लिए समाज ने धर्माचरण का ही मार्ग अपनाना चाहिए । सहकार गणेश मंडल के अध्यक्ष श्री. वीरेंद्र उत्पातजी ने कहा, ‘केवल हिंदूंओं के त्यौहारों पर बंधन क्यों डाले जाते हैं ?’। उस समय सनातन संस्था के अधिवक्ता संदीप अपशिंगेकरजी ने भी विविध उदाहरण देकर अन्य मार्गों से प्रदूषण किस प्रकार होता है, यह बताया ।  इस समय पत्रकारों को श्री गणेशमूर्ति विसर्जन के बारें में जानकारी देनेवाली ध्वनिचित्र-चक्रिका (सीडी) दिखाई गई ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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