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ठाणे (महाराष्ट्र) के वागळे इस्टेट परिसर के हिन्दुओंको हो रहा है ‘मिनी पाकिस्तान’ का अनुभव !

ठाणे के वागळे इस्टेट परिसर : हो रहा है ‘मिनी पाकिस्तान !’

  • हिन्दुत्ववादी नेताओंपर प्राणघातक आक्रमणोंकी श्रृंखला !

  • अब यह आक्रमण जिहादीयों ने किया है, तो उन के संगठन पर बंदी लाया जाए, ऐसी मांग हिन्दुत्ववादियोंको करनी चाहिए क्या ?

jihadiठाणे (महाराष्ट्र) : यहां के वागळे इस्टेट परिसर के मुसलमानबहुल हाजुरी परिसर के जिहादीयोंकी ओर से हिन्दुओंपर विविध बंधन लादे जा रहे हैं।

धार्मिक उत्सव मनाने के संदर्भ में जिहादीयोंका क्रोध हिन्दुओंको सहन करना पड रहा है। यहां के हिन्दू महिलाओंको भी जिहादीयोंकी ओर से कष्ट दिया जाता है। अब तक जिहादीयोंके विरोध में कृति करनेवाले ३ हिन्दू नेताओंपर प्राणघातक आक्रमण किए गए हैं।

१० सितंबर को शिवसेना के उपशाखाप्रमुख श्री. धर्मेंद्र चौबे इनपर भी ऐसे ही प्राणघातक आक्रमण हुआ और वे पिछले १० दिनोंसे अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं। इस परिसर के हिन्दुओं को यह भारत न होकर एक ‘छोटा पाकिस्तान’ (मिनी पाकिस्तान) ही है, ऐसा अनुभव होने की जानकारी पीडित हिन्दूद्वारा दैनिक सनातन प्रभात के पत्रकार से बात करते समय दी गई। (किसी भी पुरोगामी नेता को कोर्इ धमकी का पत्र आया, तो त्वरित ही उस के विषय में पत्रकार परिषद आयोजित कर हिन्दुत्ववादियोंके विरोध में बवाल खडा किया जाता है। संबंधितोंको शासन की ओर से संरक्षण देने की मांग की जाती है। आज तक ठाणे के इस एक ही क्षेत्र के ३ हिन्दओंके नेताओंपर हुए प्राणघातक आक्रमण के विषय में एक भी शब्द नहीं बोला जाता। पीडित हिन्दुओंको संरक्षण मिले, ऐसा किसी को भी क्यों नहीं लगता ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१. यहां के जिहादीयोंने हिन्दुओंको धार्मिक उत्सव में मंडप में ध्वनीवर्धक (लाउडस्पीकर) लगाए जानेपर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां एक शिवजी का एवं एक देवी का मंदिर है। इस देवालयपर भी ध्वनीवर्धक लगाए जाने हेतु भी जिहादीयोंका विरोध है। इस कारण गणेशोत्सव एवं नवरात्रोत्सव के काल में ही हिन्दुओंको उनका दुर्व्यवहार सहन करना पड रहा है। कभी-कभी हिन्दुओंके देवालयोंपर जिहादीयोंद्वारा थूके जाने का भी ध्यान में आया है।

२. गुढीपाडवा के आसपास सावरकरनगर के शिवसेना के उपशाखाप्रमुख श्री. सुनील सिंह एवं बजरंग दल के श्री. अमित मिश्रा इनपर जिहादीयोंने आक्रमण किया। (जिहादीयोंके इन आक्रमणोंसे संरक्षण मिले, इस हेतु हिन्दू नेताओंको संगठित रहना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

३. पिछले माह में इंदिरानगर के जिहादीयोंने पाठशाला के विद्यार्थियोंके झगडे को लेकर दंगा करने का प्रयत्न किया। (ऐसे दंगाईयोंको शासन सबक सिखाकर कानून एवं सुव्यवस्था रखे ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

४. यहां हिन्दू महिला एवं युवतियोंको जिहादी छेडते हैं। इस कारण मार्ग से आने-जाने में भी उन्हें कठिनाई होती है। (हिन्दू युवतियों, ऐसे प्रसंगोंका सामना करने हेतु स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

५. यहां के कांग्रेस के नगरसेवक श्री. दीपक केतकर की सहमति से मार्गपर अनाधिकृत रीति से एक पिंजरा बिठाया गया था। उस स्थान को जिहादीयोंने अपना अड्डा बना लिया है। वहां जुआ, मद्यपान आदि अवैध कृत्य किए जाते हैं। ऐसा वहां के स्थानीय लोगोंका कहना है।

६. इस संदर्भ में पुलिस तत्काल कार्यवाही एवं जिहादीयोंके अवैध कृत्योंको प्रतिबंधित करें, ऐसी मांग शिवसेना के उपशाखाप्रमुख श्री. धर्मेंद्र चौबे ने की थी।

७. जिहादीयोंके कुकृत्योंपर प्रतिबंध लगाने के लिए श्री. चौबे ने क्लोज्ड सर्किट टीवी कॅमेरे की व्यवस्था की थी।

८. श्री. चौबे ने शासन से जिहादीयोंके कुकृत्योंके विषय में अनुवर्ती प्रयास लेना आरंभ किया था। (जिहादीयोंके विरोध में वैध मार्ग से कृति करनेवाले शिवसेना के उपशाखाप्रमुख श्री. धर्मेंद्र चौबे का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

९. इस कारण १० सितंबर को धर्मांध मुसलमानोंने श्री. चौबे इनपर तलवार, गज एवं अन्य हथियारोंसे प्राणघातक आक्रमण किया। जिस में श्री. चौबे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में ही रखा गया। (इस आक्रमण के विषय में किसी भी वृत्तवाहिनी पर चर्चा क्यों नहीं हुई ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१०. इस के विषय में पुलिस ने जबीउल्ला, शाहरूख चौधरी, इन्साफ, जाफर एवं हैदर उपाख्य शेरुअली के विरोध में शिकायत प्रविष्ट की है। जाफर, हैदर एवं जबीउल्ला को बंदी बनाया गया है, जब कि शाहरूख एवं इन्साफ फरार हैं।

११. १-२ दिन पहले इन फरार आरोपियों में से एक श्री. चौबे के अस्पताल के समीप आया था। पुलिसोंने उसका पीछा किया परंतु वह भाग गया। (पुलिसोंकी तुलना में अधिक चपल धर्मांध ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

१२. इस पूरे प्रकरण के कारण हिन्दुओं में भय का वातावरण निर्माण हो गया है। (इस से हिन्दू संगठन के बिना अन्य कोई पर्याय नहीं है, यह स्पष्ट दिखता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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