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हां, हिंदुत्व ही हमारा राष्ट्रीयत्व है ! – उद्धव ठाकरे

वैशाख कृष्णपक्ष १, कलियुग वर्ष ५११५

रत्नागिरीकी सभामें उद्धव ठाकरेद्वारा हिंदुत्वका समर्थन !

रत्नागिरी : यहांके कै. प्रमोद महाजन क्रीडासंकुलनमें आयोजित महागठबंधनकी सार्वजनिक सभामें शिवसेना कार्याध्यक्ष माननीय उद्धव ठाकरेने प्रतिपादित करते हुए कहा कि हिंदुत्वका उच्चारण करते ही हमें जातीयवादी तथा सांप्रदायिक सिद्ध किया जाता है; परंतु मैं कहना चाहता हूं, ‘हां, मैं हिंदु हूं एवं हिंदुत्व ही हमारा राष्ट्रीयत्व है ।’ । (शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरेकी (मुशीत) छत्रछायामें सिद्ध श्री. उद्धव ठाकरे ही ऐसे वक्तव्य देते हैं; इसलिए हिंदुओंको शिवसेनाका आधार प्रतीत होता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )  इस अववसरपर व्यासमंचपर श्री. विनोद तावडे, श्री. राजन सालवी,  श्री. सदांनद चौहान आदि विधायक एवं शिवसेनाके जिलाप्रमुख सर्वश्री राजेंद्र महाडिक, सचिन कदम, भाजपाके प्रदेश प्रवक्ता श्री. बाळ माने, जिलाध्यक्ष श्री. सचिन वहालकर, भारिपके दयानंद मोहितेके साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे । इस सभामें सहस्रोंकी संख्यामें महागठबंधनके कार्यकर्ता एवं श्रोते उपस्थित थे ।

इस अवसरपर श्री. उद्धव ठाकरेने कहा,

१. हमें जातीयवादी कहनेवाली सोनिया गांधी यह बताए कि उनकी साखरीनाटे तथा जैतापुरकी सभा क्यों निरस्त की गई ? जैतापुर अणुऊर्जा प्रकल्पके आंदोलनके समय तबरेजको गोली मारकर उसकी हत्या की गई । उस समय हमने यह नहीं देखा कि वह हिंदु था अथवा मुसलमान । तो फिर आप ऐसा जहर क्यों बोते हो ? जो इस देशपर प्रेम करते हैं, वे चाहे कोई भी हो, हमारे बंधु ही हैं । हमारा युद्ध पाकिस्तान एवं बांग्लादेशी घुसपैठियोंके विरुद्ध है । हमारे हिंदुत्वका अर्थ मुुसलमानोंका द्वेष नहीं है । 

२. कांग्रेसने विश्वमें भारतकी पहचान ‘भ्रष्टाचारियोंका एवं  बलात्कारियोंका देश’ ऐसी की है । कांग्रेसको मतदान करना बलात्कारकी मानसिकता रखनेवालोंको मत देनेसमान है । हमारे समक्ष छत्रपति शिवाजी महाराजका आदर्श है । इस कांग्रेसके समान ही रांजे पाटिल उन्मत्त हो गया था; परंतु शिवाजी महाराजने इस बलात्कारी पाटिलके हाथ-पांव तोड डाले । बलात्कारकीr मानसिकतावाले लोगोंको ऐसा पाठ पढानेकी सीख देनेवाले शिवाजी महाराजका यह महाराष्ट्र है । शिवाजी राजाके महाराष्ट्रको हम कभी  कलंकित नहीं होने देंगे । 

३. मत देते समय ‘अपना भवितव्य, अपना देश किसके हाथमें देंगे,’ इसका विचार करें । हमने आपके लिए विचारपूर्वक मोदीका नाम दिया है । उनका कर्तृत्व एवं विश्वासार्हता देखकर उनका नाम आगे किया है । एक ओर हिंदुत्व एवं दूसरी ओर अंधेरा है । कांग्रेसको मत देना अर्थात मुलायमसिंहके समर्थनकी सरकार । यह वही मुलायमसिंह है, जिसने गोली मारकर करसेवकोंकी हत्या की । इस मुलायमसिंहमें अभी भी सुधार नहीं हुआ है । वह कहता है, ‘बच्चे तो बच्चे ही होते हैं । उन्होंने यदि बलात्कार किया, तो फांसी किसलिए ?’ बलात्कारके संदर्भमे ऐसी मानसिकता रखनेवाले लोगोंको कदापि मत न दें ।

४. शिक्षा ग्रहण की इसका अर्थ यह नहीं कि समझदार हो गए हो । आपके कृत्यसे दिखाई देना चाहिए कि आप डॉक्टर (वैद्य) हैं अथवा पशुवधिक । शिक्षाके बहाने विनायक राऊतकी आलोचना करनेवाले लोगोंसे मैं प्रश्न पूछना चाहता हूं कि वसंतदादा पाटिल  सातवीं कक्षातक ही पढे थे; परंतु राज्यके कर्तृत्ववान मुख्यमंत्रियोंमें उनका नाम आगे है । धनके अभावमें शिवसेनाप्रमुखने ६ वीं कक्षासे विद्यालय छोडा था; परंतु उन्होंने ही यह इतिहास रचाया है । 

५. राणेकी गुंडागर्दी बिलकुल नहीं चलेगी । शिवसेनामें गुंडागर्दी करनेपर शिवसेनाप्रमुखने हकाल दिया । सोनियाके सामने झुकनेपर उन्हें कांग्रेसमें प्रवेश मिला । इनकी गुंडागर्दी मर्दोंके सामने नहीं, अपितु दुर्बल व्यक्तियोंके सामने चलती है । आप यदि दृढ रहे, तो ये नीचे गर्दन झुकाकर पलायन करेंगे । 

६. जैतापुरका अणूऊर्जा प्रकल्प अच्छा है, तो अन्य राज्यमें ले जाएं । हम देशके लिए यह त्याग भी करेंगे । ४० प्रतिशत बिजलीके लिए १०० प्रतिशत धोखा आप यहांकी जनताके साथ कर रहे हो । विश्वमें इतना राक्षसी प्रकल्प कहींपर भी नहीं बना ।

७. हम किसीपर हाथ नहीं उठाएंगे । परंतु हमपर हाथ उठानेवाले व्यक्तियोंके हाथ जडसे उखाडे बिना नहीं रहेंगे । यहांके लोगोंकी कब्र बनाकर हमें विकास नहीं चाहिए ।

८. निर्धनोंकी भूमिको लूटकर एवं उनकी हत्या कर सत्ता प्राप्त की जा रही है । रमेश गोवेकर, सत्यविजय भिसे, श्रीधर नाईक, अंकुश राणे आदि लोगोंका क्या हुआ ? उनकी हत्याएं हुईं । जिन्हें अपराधीके रूपमे पकडा गया, वे निर्दोष मुक्त हुए हैं । तो वास्तव अपराधी कहां गए ? यह मुगलशाही नहीं है कि कोई कुछ भी करे यह शिवाजीका महाराष्ट्र है । हम सत्तामें आनेपर इन सभीके मूलतक जाकर पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे एवं अपराधियोंको दंडित करेंगे । शिवशाहीमें अपराध तथा भ्रष्टाचार नहीं चलने देंगे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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