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सेंट्रल अफ़्रीकन रिपब्लिक में धार्मिक हिंसा, ३० की मौत

वैशाख कृष्ण पक्ष ३, कलियुग वर्ष ५११६


पुलिस अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय शहर देकोआ में हुई इस हिंसा में मारे गए ज्यादातर लोग आम नागरिक हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम विद्रोही संगठन सेलेका के मोर्चों पर ईसाई प्रभाव वाले एंटी-बलाका चरमपंथियों ने हमला किया। सीएआर में मुसलमानों की अगुवाई वाली सरकार को लेकर बढ़ते असंतोष के बीच बीते साल दिसंबर की शुरुआत में हिंसा भड़की थी।

मुस्लिम चरमपंथियों ने राष्ट्रपति फ्रैंकोइस बोज़ीज़ी का तख्तापलट करके मार्च २०१३ में सत्ता हासिल कर ली थी। राष्ट्रपति बने विद्रोहियों के नेता माइकल जोटोडिया पर आरोप था कि वह सेना को काबू करने में नाकाम रहे जिसने ईसाई नागरिकों के साथ ज़्यादती की। इस साल जनवरी में जब जोटोडिया सरकार गिर गई, तो ईसाई चरमपंथियों ने बदला लेने के लिए मुसलमान नागरिकों पर हमले शुरू कर दिए।

इस टकराव की शुरुआत से लेकर अब तक हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि क़रीब १३ लाख लोगों को मदद की ज़रूरत है। ये आंकड़ा देश की कुल जनसंख्या का एक तिहाई है। इस समय वहां क़रीब ६००० अफ़्रीकी और २००० फ्रांसीसी शांति सैनिक तैनात हैं और उन्हें हिंसा को काबू में रखने के लिए ख़ासी मशक्कत करनी पड़ रही है।

स्त्रोत : अमरउजाला

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