वैशाख कृष्ण पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६
हिंदुनिष्ठोंद्वारा धर्मपरिवर्तन रोकने हेतु संगठित होनेका निश्चय !
कन्याकुमारी (तामिलनाडू) : कन्याकुमारी जिलेके तिक्कणमकोडुमें १७ अप्रैलको हिंदू जनजागृति समितिद्वारा जिलास्तरीय हिंदु अधिवेशन आयोजित किया गया था । वर्तमान समयमें स्वामी विवेकानंदजीके प्रेरणास्थान कन्याकुमारीमें भारी मात्रामें होनेवाले धर्मपरिवर्तनके कारण यहांके ४२ प्रतिशत लोग ईसाई होकर वे हिंदुविरोधी कार्यवाहियोंमें लिप्त हैं । इस अधिवेशनमें सभी हिंदुनिष्ठोंद्वारा धर्मपरिवर्तन रोकने हेतु संगठित होनेका निश्चय किया गया है । अधिवेशनमें कुल मिलाकर ७० हिंदुनिष्ठ सम्मिलित हुए थे । यहां समितिका कार्य चालू न होते हुए भी हिंदुनिष्ठ श्री.राधाकृष्णन् एवं धर्माभिमानी श्री.त्यागराजन्के कारण यह अधिवेशन आयोजित करना संभव हुआ ।
१. २२ फरवरीको चेन्नईमें संपन्न हिंदु अधिवेशनके आयोजनमें श्री.राधाकृष्णन्का महत्वपूर्ण योगदान था । तत्पश्चात उन्होंने अपने गांव अर्थात कन्याकुमारी जिलेमें हिंदु अधिवेशन आयोजित करनेका सूचित कर उसका दायित्व लिया । अधिवेशनके लिए उन्होंने जिला एवं राज्यस्तरपर कार्यरत विविध हिंदुनिष्ठोंको आमंत्रित किया ।
२. इस अवसरपर मान्यवरोंके शुभहाथों तमल भाषामें प्रकाशित सनातन-निर्मित ‘धर्मपरिवर्तन एवं धर्मपरिवर्तित लोगोंका शुदि्धकरण’ ग्रंथका प्रकाशन समारोह संपन्न हुआ ।
३.हिंदू जनजागृति समितिकी श्रीमती रागिनी प्रेमनाथने अधिवेशनका सूत्रसंचालन किया । अधिवेशनका शुभारंभ यहांके शारदा मठकी स्वामिनी माता परमेश्वरीके शुभहाथों किया गया । इस अवसरपर व्यासमंचपर श्री.राधाकृष्णन्, श्री.रमणन् एवं हिंदू जनजागृति समितिकी श्रीमती उमा रविचंद्रन उपसि्थत थीं ।
४. इस अधिवेशनमें केरलके प्रसिद्ध हिंदुनिष्ठ एवं शिवसेनाके नेता श्री. वडकर विजयन्, हिंदु मक्कल मुन्ननीके (हिंदु जनताके लिए अग्रेसर) श्री. राधाकृष्णन्, अखिल भारत हिंदु महासभाके श्री. बालसुब्रह्मण्यम्, तामिलनाडू हिंदु महासभाके श्री. कोडम्बाक्कम् श्री, तामिलनाडू विश्व हिंदु परिषदके श्री. तंगमुत्तु कृष्णन्, हिंदु युवा संगठनके श्री. पाला संतोष कुमार, युवासेनाके तामिलनाडू राज्य संगठक श्री. मुरलीमोहन, हिंदु धर्म प्रचारक श्री. जॉन्सन, हिंदु सत्य सेनाके श्री. राम भुपती, भूतपूर्व विधायक श्री. राजेंद्रन्, हिंदु देसीय कांग्रेसके श्री. मधुसुदन पेरुमाल, सनातन संस्थाके श्री. प्रभाकरन् तथा हिंदु जनजागृति समितिकी श्रीमती उमा रविचंद्रन एवं श्रीमती रागिनीr प्रेमनाथने विविध विषयोंपर मार्गदर्शन किया ।
अधिवेशनकी विशेषक घटनाएं
१. अधिवेशनके लिए धर्माभिमानी श्री.त्यागराजनने सभागृह, विद्युत एवं ध्वनिव्यवस्था तथा भोजन व्यवस्थाके लिए स्वयं व्यय किया ।
२.अधिवेशनस्थलपर लगाई गई ‘हिंदु राष्ट्र’ एवं ‘धर्मशिक्षा’के विषयमें फ्लेक्स फलक प्रदर्शनीका लाभ गांवके २०० हिंदुओंने उठाया ।
३. ६५ वर्षके धर्माभिमानी श्री.अमृतेश्वरन् अधिवेशनमें सम्मिलित होने हेतु चेन्नई अर्थात ७०० कि.मी.दूरीसे आए थे ।
४. अधिवेशनमें सम्मिलित कुछ हिंदुनिष्ठ नेताओंने कहा कि समिति केवल बताती नहीं, अपितु कृत्य भी करती है । समितिद्वारा प्रकाशित तमिल भाषामें धर्मपरिवर्तनके विषयमें ग्रंथ इसका ही उदाहारण है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात