वैशाख कृष्ण पक्ष ४, कलियुग वर्ष ५११६
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लाहौर (पाकिस्तान) : पड़ोसी मुल्क में हो रहे चुनाव को लेकर पाकिस्तान में चर्चा का बाजार गर्म है। क्या नरेंद्र मोदी जीत जाएंगे? चुनाव के बाद भारत में स्थायित्व वाली सरकार बनेगी? क्या कांग्रेस पराजित हो जाएगी? अरविंद केजरीवाल का क्या होगा? ये ऎसे सवाल हैं, जो पाकिस्तान में लोगों के बीच चर्चा का विषय हैं।
पाकिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी समझे जाने वाले शहर लाहौर में पीएफडीसी सनसिल्क फैशन वीक को कवर करने गए पत्रकार को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक आयोजन से जुड़े सैकड़ों सवालों का सामना करना पड़ा।
इन सवालों में कश्मीर पर एक भी सवाल नहीं पूछा गया। कई पाकिस्तानियों की भारतीय राजनीति में गहरी रूचि है। स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मोदी वहां पसंदीदा नेता नहीं हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता से नेता बने केजरीवाल की लोकप्रियता सीमा को लांघ चुका है। वे पाकिस्तानियों के बीच पसंदीदा भारतीय नेता बन कर उभरे हैं। पाकिस्तानी हिन्दू व्यापारी हरदीप खुल्लर ने कहा, मैं केजरीवाल को फिर से दिल्ली में सरकार का नेतृत्व करते देखना चाहता हूं।
केजरीवाल की तुलना इमरान खान से
खुल्लर ने कहा, मैं समझता हूं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अल्प समय में उन्होंने जो कुछ किया वह सराहनीय है। आतिथ्य सत्कार क्षेत्र के लिए काम करने वाले नावेद सिद्दकी (४०) ने केजरीवाल की तुलना क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान से किए जाने को जायज ठहराया।
इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) की तरह किया था। सिद्दकी ने कहा, हम वही आग केजरीवाल में भी पाते हैं।
उनकी आप पार्टी ने कम समय में ही हैरत में डालने वाला प्रदर्शन किया मैं उन्हें जीतते देखना चाहता हूं, क्योंकि मैं उनकी विचारधारा को पसंद करता हूं। कई पाकिस्तानी केजरीवाल को साफ दिन वाले एक युवा और ऊर्जा से लबरेज नेता के रूप में देखते हैं।
स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका