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कर्नाटक : वर्षारंभ मनाकर गुढी स्थापित करने हेतु हिंदू जनजागृति समितिकी ओरसे विशेष अभियान

वैशाख कृष्ण पक्ष पंचमी/षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६

प्रत्येक हिंदुके घर ब्रह्मध्वज स्थापित करने हेतु उसका महत्त्व बताकर तदनुसार कृत्य करनेका एक विशेष अभियान !


कर्नाटक : हिंदू जनजागृति समितिकी ओरसे गुढीपाडवाके दिन प्रत्येक हिंदुके घर ब्रह्मध्वज स्थापित करने हेतु उसका महत्त्व बताकर तदनुसार कृत्य करनेका एक विशेष अभियान आयोजित किया गया । उस संदर्भमें गुढी स्थापित करनेकी पद्धति, उसका शास्त्र समझाकर धर्मशास्त्रमें बताई पद्धतिके अनुसार त्यौहार मनानेपर किस प्रकार आनंदकी अनुभूति आती है, इसका प्रात्यक्षिक कर दिखाया गया । 

१. कर्नाटक स्थित कई जिले, तहसील तथा गांवोंमें गुढी स्थापित करनेका प्रात्यक्षिक कर दिखाया गया । गुढीपाडवाका महत्त्व विशद करनेवाले १० सहस्रसे अधिक हस्तपत्रक वितरित किए गए । 

२. ८ स्थानीय दूरचित्रवाहिनियोंके माध्यमसे ८ लाख ९५ सहस्र दर्शकोंतक यह विषय पहुंचाया गया । 

३. नगर तथा ग्रामीण क्षेत्रोंमें १ सहस्र १५० भित्तीपत्रक लगाए गए । १६ स्थानोंपर गुढीपाडवाका महत्त्व विशद करनेवाले प्रवचन आयोजित किए गए ।

४. मंगलुरूमें दो स्थानीय दूरचित्रवाहिनियोंके माध्यमसे सीधा प्रक्षेपण किया गया । मंगलुरूमें एफ.एम. रेडियोके माध्यमसे प्रसार किया गया । 

५. १७१ फलकोंपर गुढीपाडवाका महत्त्व बतानेवाली लिखाई की गई । 

६. लघुसंदेशके माध्यमसे २ सहस्र ५० व्यक्तियोंको ‘हार्दिक-शुभेच्छा संदेश’ भेजे गए । इस प्रकार विविध माध्यमोंसे गुढीपाडवाका संदेश अधिकसे अधिक लोगोंतक पहुंचानेका प्रयास किया गया । 

७. गुढीपाडवाके दिन १४ स्थानोंपर गुढी स्थापित करनेका प्रात्यक्षिक दिखाया गया । हुबली स्थित गांवमें ५ तथा नगरमें २ स्थानोंपर प्रात्यक्षिक दिखाया गया । . बेळगली गांवमें ग्रामीण तथा युवकोंके सामने गुढीपाडवाके एक दिन पूर्व सामूहिक प्रात्यक्षिक दिखाया गया । इस अवसरपर ५० लोग उपस्थित थे । गुढीपाडवाके दिन १७ घरोंने गुढी स्थापित की । 

८. हळियाळमें गुढीपाडवाके अवसरपर विशेष जुलूसका आयोजन कर सैकडों लोगोंने संगठित हो घरघर जाकर गुढी स्थापित करनेका महत्त्व बताते हुए भगवा ध्वज वितरित किया । कुल ७०० घरोंमें ध्वज वितरित किए गए । धर्माभिमानी तथा हिंदू जनजागृति समितिके संयुक्त प्रयासोंसे यह उपक्रम संपन्न हुआ । साथ ही धारवाड, गदग, लक्ष्मीश्वर , होसपेटे, राणेबेन्नूरू आदि स्थानोंपर गुढी स्थापित की गई । 

९. एक सहस्रसे अधिक लोगोंने १४ स्थानोंपर दिखाए गए प्रात्यक्षिकोंका लाभ लिया । इस वर्ष प्रत्यक्षमें ८०० से अधिक घरोंमें गुढी स्थापित की गई । 

१०. बागलकोट, बदामी, विजयपुर तथा रायचूरमें ५ स्थानोंपर प्रात्यक्षिक दिखाए गए । तत्पश्चात २२ स्थानोंपर लोगोंने गुढी स्थापित की । उडुपीमें ६ , मंगलुरू में ५ स्थानोंपर ,हासन, शिवमोग्गा तथा बेंगलुरूमें भी गुढी स्थापित करनेका महत्त्व बताकर प्रात्यक्षिक दिखाया गया । 

क्षणचित्र

१. हळियाळमें धर्माभिमानियोंने समितिके सहकार्यसे तेरगांवमें ७०० घरोंमें गुढी स्थापित करनेका निश्चय कर ७०० घरोंमें ७०० भगवे ध्वज स्थापित किए । 

२. शंकर नगर, हुबळीके युवकोंने गुढीपाडवाके अवसरपर विशेष कार्यक्रम आयोजित कर प्रवचन हेतु समितिके कार्यकर्ताओंको आमंत्रित किया, तथा व्यासपीठपर ५ संतोंको आमंत्रित किया । (निरंतर १ जनवरीको नया वर्ष मनानेवाले इन युवकोंका प्रबोधन करनेपर वे गुढीपाडवाके दिन ही नया वर्षारंभ मनाते हैं ।)

३. लक्ष्मीश्वरके २१ प्रशिक्षणार्थियोंने मिलकर गुढीपाडवाका प्रात्यक्षिक किया । उनमेंसे ६ लोगोंने घरपर गुढी स्थापित की । 

४. बेळगली (हुबळी)स्थित स्वसंरक्षण प्रशिक्षणवर्गमें आनेवाले ४० जनोंने मिलकर गुढीपाडवाके एक दिन पूर्व प्रात्यक्षिक किए तथा उनमेंसे १७ जनोंने घरपर गुढी स्थापित की । 

५. प्रात्यक्षिक देखकर मंजू नामकी धर्माभिमानीने अपने गांवके ४० स्त्री-पुरुषोंको संगठित कर आदर्श गुढीपाडवा मनाया । 

६. उडुपीके एक धर्माभिमानीने प्रात्यक्षिक देखकर घरपर वैसा करने हेतु दूरभाष कर धर्माचरण किया । 

७. बदामीके प्रशिक्षणार्थियोंने ११ स्थानोंपर प्रात्यक्षिक किए । 

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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