वैशाख कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
|
व्यासपीठपर बैठे १. कर्नल अशोक किनी, २. श्री. गजानन केसकर, ३. श्री. राघव चौधरी एवं मार्गदर्शन करते समय ४. पू. श्रीमंत नारायण गिरी
गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश) : केदारनाथके (उत्तराखंड) नैसर्गिक आपत्तिमें आद्य शंकराचार्यकी समाधिकी जो हानि हुई है, उसकी पुनस्र्थापना करने हेतु यात्रा निकाली गई । इस यात्राके निमित्त गाजियाबादके (उत्तरप्रदेश) पटेलनगरमें चौधरी छबिलदास विद्यालयमें कालाडी से केदार यात्राके निमित्त आयोजित कार्यक्रममें बोलते समय फेथ फाऊंडेशनके प्रमुख कर्नल अशोक किनीने प्रतिपादित किया कि आद्य शंकराचार्यने धर्मसंस्थापनाके लिए बहुत बडा कार्य किया । देशकी एकता टिकाने हेतु उन्होंने किए प्रयास प्रशंसायोग्य है । दुर्भाग्यवश वर्तमान समयका युवावर्ग, एवं राजनेताओंको शंकराचार्यजीके इस कार्यका विस्मरण हो गया है । वर्तमान समयकी देश एवं धर्मकी स्थिति देखते हुए आद्य शंकराचार्यजीकी सीखके अनुसार आचरण एवं कृत्य करनेकी आवश्यकता है ।
यात्राके समन्वयक श्री.राघव चौधरीने इस कार्यक्रमके निमित्त एकत्रित हुए विद्यार्थी एवं अध्यापकोंको आद्य शंकराचार्यजीके कार्यके विषयमें जानकारी दी । इस कार्यक्रमको श्री पंचदशनाम जुना अखाडाके अंतरराष्ट्रीय मंत्री पू. श्रीमंत नारायण गिरीकी वंदनीय उपस्थिति थी ।
इस अवसरपर हिंदू जनजागृति समितिके श्री.गजानन केसकरने उपस्थित लोगोंको आद्य शंकराचार्यद्वारा न्यून कालावधिमें किए गए धर्मपुनर्स्थापनाके कार्यके विषयमें बताते हुए वर्तमान स्थितिमें हिंदुओंको धर्मशिक्षा देनेकी आवश्यकताके विषयपर मार्गदर्शन किया ।
इस अवसरपर प्रशालाके विद्यार्थी, अभिभावक तथा अध्यापक ऐसे कुल मिलाकर लगभग ४०० से अधिक लोग उपस्थित थे । इस कार्यक्रमके पश्चात गाजियाबादके प्राचीन दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिरमें यात्राका प्रस्थान हुआ ।
क्षणिकाएं
१. श्री.राघवेंद्र चौधरीद्वारा कार्यक्रमके लिए उपस्थित ५० महनीय व्यक्तियोंको सनातन-निर्मित सात्त्विक उत्पादोंके साहित्यका संच भेंट स्वरुप दिया गया ।
२. कार्यक्रमस्थलपर सनातन संस्थाद्वारा ग्रंथ एवं सात्त्विक उत्पादोंकी प्रदर्शनी लगाई गई थी । इस प्रदर्शनीको उपस्थित लोगोंका उस्फूर्त प्रतिसाद मिला । श्री.राघवेंद्र चौधरीने उपस्थित लोगोंको स्वयं होकर संस्थाका कार्य बताया एवं वितरण केंद्रका लाभ उठाने सूचित किया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात