वाराणसी (उत्तरप्रदेश) – गणपति विसर्जन को लेकर २२ सितंबर को संत समाज व भक्तोंपर पर हुए लाठीचार्ज के घटना का विरोध बढ रहा है । यहां पांच अक्टूबर को प्रस्तावित “अन्याय प्रतिकार यात्रा” को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद की साध्वी प्राची काशी पहुंचीं।
उन्होंने लाठीचार्ज में घायल संतों का हाल जाना और साफ तौर पर कहा कि, हिंदुओं के पूजा स्थल पर मुसलमानों का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। जब हमारी पूजा का समय हो तब चाहे बनारस हो, हरिद्वार हो या वृंदावन, मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित होना चाहिए।
ऐसा ही दुर्गा पूजा के दौरान भी हो। लाठीचार्ज में घायल शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को देखने साध्वीजी दोपहर केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ पहुंचीं। उससे पूर्व उन्होंने पातालपुरी मठ के महंत बाबा बालक दास का भी हालचाल लिया।
डीएम का घेराव, नारेबाजी
जिलाधिकारी राजमणि यादव मंगलवार को दोपहर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मिलने श्रीविद्या मठ पहुंचे। मुख्यद्वार पर ही भक्तोंने घेराव कर उनका विरोध किया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के निर्देश के बाद डीएम को उनसे मिलने दिया गया। डीएम ने लाठी बरसाने को लेकर अधिकारियों की गलती मानते हुए क्षमा मांगी लेकिन उसे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वीकार नहीं किया।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया