मुंबई : ११ जुलाई २००६ को शहर की लोकल ट्रेनों में हुए सीरियल धमाकों के मामले में दोषी ठहराए गए १२ जिहादीयों में से पांच को फांसी की सजा सुनाई गई है। बाकी सात को उम्रकैद की सजा दी गई है। बुधवार को स्पेशल मकोका कोर्ट के जज यतिन डी शिंदे ने सजा का एलान किया। सजा के एलान के बाद बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि वे हाईकोर्ट जाएंगे।
जिन लोगों को फांसी हुई है, उन पर बम प्लान्ट करने का आरोप साबित हुआ है। फांसी पाने वाले जिहादीयों के नाम हैं – कमाल अहमद अंसारी (३७) मोहम्मद फैजल शेख (३६), ऐहतेशाम सिद्दीकी (३०), नवेद हुसैन खान (३०) और आसिफ खान (३८)
उम्रकैद पाने वालों पर इस साजिश में मदद करने और रेकी करने के आरोप साबित हुए हैं। जिनको उम्रकैद हुई, वे हैं – तनवीर अहमद अंसारी (३७), मोहम्मद माजिद शफी (३२), शेख आलम शेख (४१), मोहम्मद साजिद अंसारी (३४), मुजम्मिल शेख (२७), सोहल महमूद शेख (४३) और जमीर अहमद शेख (३६)
प्रॉसिक्यूशन ने १२ में से आठ के खिलाफ फांसी की सजा की डिमांड की थी। गवाहों के क्रॉस एग्जामिनेशन के बाद डिफेंस के वकीलों ने कोर्ट से नरमी बरतने की अपील की थी। उनका कहना था कि असली मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी चीमा है, जिसके इशारों पर इस वारदात को अंजाम दिया गया।
११ सितंबर को इस मामले में आरोपी १३ में से १२ को दोषी करार दिया गया था। एक आरोपी को बरी कर दिया गया था। २३ सितंबर को स्पेशल मकोका कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर