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‘डूबते’ फेसबुक को बचाने इस मंदिर में आए थे झूकरबर्ग

पंतनगर – विनोद जोशी नैनीताल से सटे कैंची में मौजूद छोटे मंदिर और आश्रम से जुड़े ट्रस्ट के सेक्रटरी हैं। कुछ साल पहले उन्हें अमेरिकी फिजिशन लैरी ब्रिलियंट और सामाजिक कामों से जुड़ी गूगल की इकाई Google.org से कॉल आई थी। जोशी ने इस बारे में बताया, ‘लैरी ने कहा कि कोई मार्क एक दिन के लिए आश्रम में आएंगे।’

अपना सारा जीवन अपने आध्यात्मिक गुरु नीब करोड़ी (नीम करोली) बाबा की सेवा में बिताने वाले जोशी को हालांकि ठीक-ठीक याद नहीं है कि यह कॉल कब आई थी। दरअसल, उन्हें तब पता नहीं था कि मार्क झूकरबर्ग कौन हैं ? उस वक्त तक फेसबुक डेढ़ अरब लोगों की रोजाना की आदत में शामिल नहीं हुआ था।

हालांकि, उन्हें यह अच्छी तरह याद है कि झूकरबर्ग पंतनगर आए थे। इसके बाद वह नीब करोड़ी बाबा के आश्रम गए। नीब करोड़ी बाबा को मरे हुए ३२ साल हो चुके हैं, लेकिन अब भी यह आश्रम हाई प्रोफाइल अमेरिकियों को आकर्षित करता है

बाबा का आश्रम पिछले हफ्ते एक बार फिर सुर्खियों में आया, जब फेसबुक के फाउंडर झूकरबर्ग ने अमेरिकी में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात में बताया कि उन्होंने फेसबुक के शुरुआती दिनों में ऐपल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की सलाह पर भारत के एक मंदिर का दौरा किया था।

झूकरबर्ग ने कहा था, ‘मैं भारत में तकरीबन एक महीने तक घूमा और देखा कि लोग किस तरह से एक-दूसरे से जुड़े हैं। मुझे महसूस हुआ कि अगर सबके पास जुड़ने की क्षमता हो, तो दुनिया कितनी बेहतर हो सकती है। हमने इसे हमेशा याद रखा और फेसबुक बनाया।’

जोशी ने बताया कि झूकरबर्ग सिर्फ एक किताब के साथ यह पहुंचे थे और उनके पास बदलने के लिए कपड़े भी नहीं थे। उन्होंने बताया, ‘वह पैंट पहने हुए थे, जो एक तरफ घुटने पर फटी हुई थी।’ उन्हें सिर्फ एक दिन ही आश्रम में गुजारना था, लेकिन आंधी-तूफान के कारण दो दिनों तक रुकना पड़ा।

खूबसूरत वादियों में मौजूद इस आश्रम के मुरीदों में हॉलिवुड स्टार जूलिया रॉबर्ट्स भी शामिल हैं। इसमें कई मूर्तियां और मंदिर हैं, जिनमें हनुमान की मूर्ति भी शामिल है। बाबा के कई भक्तों का मानना है कि वह खुद हनुमान के अवतार थे। मंदिरों के सामने वर्गाकार सफेद बिल्डिंग है, जहां बाबा रहा करते थे। जोशी कहते हैं, ‘हम इसे वाइट हाउस कहते हैं।’

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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