वैशाख कृष्ण पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
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नई दिल्ली- आखिरकार रोहित शेखर (३४) ने खुद के वयोवृद्ध कांग्रेस नेता एनडी तिवारी का जैविक पुत्र होने की छह साल चली कानूनी लड़ाई जीत ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज अपने अहम फैसले में रोहित को तिवारी का जैविक पुत्र घोषित कर दिया।
जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ ने तिवारी को चेतावनी भी दी है कि वे रोहित को सावर्जनिक तौर पर अपने पुत्र होने से इंकार न करें। कोर्ट के इस फैसले के बाद कोर्ट रूम में मौजूद रोहित की मां उज्जवला शर्मा अपने आंसूओं को नहीं रोक पाईं। उज्जवला ने इसे एक एतिहासिक फैसला बताया।
बता दें कि वयोवृद्ध कांग्रेस नेता एनडी तिवारी ने इसी वर्ष मार्च में रोहित को अपना पुत्र स्वीकार कर लिया था। उन्होंने बकायदा एक प्रेस वार्ता कर कहा था कि रोहित उनकी ही औलाद है। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुए डीएनए टेस्ट में भी यह बात साबित हो गई थी कि रोहित तिवारी और उज्जवला शर्मा से पैदा हुआ उनका जैविक पुत्र है।
न्यायालय ने अपना यह फैसला अखबार में प्रकाशित उन रिपोर्टों के आधार पर दिया, जिसमें एनडी तिवारी ने रोहित को खुद अपना जैवित पुत्र माना। इससे पहले सोमवार और आज हुई मामले की सुनवाई के दौरान तिवारी के वकील अदालत में उपस्थित नहीं हुए। हालांकि आज उनकी तरफ से अदालत को बताया गया कि अब तिवारी इस मामले में और कानूनी लड़ाई लड़ना नहीं चाहते।
कल हुई मामले की सुनवाई के दौरान रोहित की तरफ से अदालत में अखबारों में प्रकाशित उन खबरों की प्रतियां भी पेश की गई, जिसमें तिवारी ने रोहित को अपना जैविक पुत्र माना था।
शेखर की तरफ से अदालत में मौजूद उनके वकील वेदांत वर्मा और विभोर कुश की तरफ से अदालत में एक कानूनी प्रावधान का हवाला देते हुए कहा गया कि कानून प्रतिवादी की स्वीकारोक्ति के आधार पर अदालत को आदेश पारित करने का अधिकार देता है। हालांकि कल मामले की सुनवाई के दौरान अदालत की तरफ से कहा गया था कि हम मीडिया में आई खबरों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकते।
इससे पहले मार्च माह में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने रोहित शेखर को अपना जैविक बेटा मान लिया था। तिवारी, उज्ज्वला और रोहित शेखर ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा भी की। रोहित ने तिवारी को उसका जैविक पिता होने का दावा करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
तिवारी ने मीडिया के सामने कहा, मैं रोहित को अपने बेटे के रूप में स्वीकार करता हूं। यह दो साल पहले ही साबित हो गया था जब मेरा डीएनए उससे मिल गया था। मुझे इस महान परिवार से अपने जुडाव पर गर्व है। जो कुछ हुआ, मैं अब इस मामले को खत्म करना चाहता हूं और सार्वजनिक रूप से उसे अपने जैविक पुत्र के रूप में स्वीकार करता हूं।
एनडी तिवारी ने यहां कहा, मैं उज्ज्वला का सम्मान करता हूं और रोहित मेरे साथ रहें। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित लगातार तिवारी से कहते रहे कि ‘आप मुझे और मेरी मां को सम्मान दें’। रोहित ने कहा कि मैं तिवारी का बुरा नहीं चाहता हूं। हालांकि तिवारी ने कहा कि मेरे पास कोई संपत्ति नहीं है।
तिवारी ने कांफ्रेंस के दौरान श़ेर पढा़ कि 'जमाना बहुत शौक से हमें सुन रहा था, हम भी सो गये कहते कहते'। उनका कहना था कि रोहित से उनका चेहरा मिलता है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वे रोहित शेखर को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हैं, तो इस पर तिवारी ने साफ-साफ कुछ नहीं कहा। रोहित शेखर ने सबके सामने एनडी तिवारी के पैर भी छुए और उनसे गले भी लगाया।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर