ऑरेगन: अमेरिका के ऑरेगन स्टेट स्थित उम्पक्वा कम्युनिटी कॉलेज में गुरुवार को एक बंदूकधारी ने गोलियां बरसाकर १३ स्टूडेंट्स को मार डाला। १९ अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस की फायरिंग में शूटर भी मारा गया। वह इसी कॉलेज में पढ़ने वाला स्टूडेंट था। मीडिया रिपोर्ट्स में चश्मदीदों के हवाले से बताया गया कि बंदूकधारी ने पहले पीड़ितों को जमीन पर लेटने को कहा। उसके बाद उन्हें खड़ा होकर उनका मजहब बताने को कहा और गोली मार दी। अधिकारियों ने वारदात का इंटरनेशनल लिंक होने से फिलहाल इनकार कर दिया है
अमेरिका के कॉलेजों में होते रहे हैं ऐसे हादसे
५ जून २०१४ : वॉशिंगटन की सिएटल पैसिफिक यूनिवर्सिटी में २६ साल का गनमैन आरोन रे येबरा गन को रीलोड करते हुए पोज दे रहा था। अनजाने में गोली चल गई और १९ साल के स्टूडेंट की मौत हो गई। दो घायल हो गए। उस पर फर्स्ट डिग्री मर्डर का चार्ज लगाया गया। कोर्ट में बताया गया है कि वह मानसिक रूप से बीमार था।
२३ मई २०१४: सेंटा बारबरा की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के पास कम्युनिटी कॉलेज स्टूडेंट इलिएट रोजर (२२ साल) ने गोली चला कर और चाकू से वार कर छह लोगों को मार डाला। १३ अन्य घायल हो गए। अथॉरिटीज ने बताया कि उसने डिप्टीज के साथ शूटआउट के दौरान खुद को भी गोली मार ली।
७ जून २०१३: कैलिफोर्निया में जॉन जवाहिरी (२३ साल) ने अपने पिता और भाई को शूट करने के बाद सेंटा मोनिका कॉलेज में अनजान लोगों पर फायरिंग शुरू कर दी। उस दिन कॉलेज में फाइनल एग्जाम था। इसमें पांच की मौत हो गई और कई घायल हो गए। पुलिस ने एनकाउंटर में जवाहिरी को मार गिराया।
२ अप्रैल २०१२: ४३ साल के एक स्टूडेंट वन गोह ने कैलिफोर्निया के ऑकलैंड में ऑइकोस यूनिवर्सिटी में फायरिंग कर सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया। उस पर मर्डर के चार्ज लगाए गए थे, लेकिन डॉक्टरों का कहना था कि वह लंबे समय से पैरानॉइड सीजोफ्रेनिया से पीड़ित है। इसलिए उस पर केस नहीं चलाया जा सकता।
१४ फरवरी २००८: इलिनोइस स्थित डेकाल्ब के नॉदर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी में हुई फायरिंग में पांच स्टूडेंट मारे गए, जबकि १८ घायल हो गए। २७ साल के हमलावर स्टीवन काजमिर्सजैक ने बाद में सुसाइड कर लिया।
१६ अप्रैल २००७ : २३ साल के गनमैन सियूंग हुई चो ने वर्जीनिया के टेक कॉलेज में क्लासरूम के अंदर ३२ लोगों को गोलियों से भून दिया। इसके बाद उसने को खुद को गोली मार ली।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर