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निर्भया रेप के दोषी को ‘जिहाद’ सिखा रहा है आतंकी

निर्भया रेप के दोषी को ‘जिहाद’ सिखा रहा है आतंकी

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने चिंता जाहिर की है कि २०११ में दिल्ली हाईकोर्ट में हुए बम धमाकों के आरोपियों में शामिल नाबालिग जो कि फिलहाल सुधार गृह में है, २०१२ में हुए निर्भया बलात्कार मामले में दोषी नाबालिग को जिहाद के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए उकसा सकता है। दोनों नाबालिग अपराध किए जाने के समय नाबालिग थे, लेकिन फिलहाल २० साल के युवक हो गए हैं।

इस आशंका के बाद दोनों युवकों को सुधार गृह के अलग-अलग कमरों में रखा जा रहा है। इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि दोनों एक-दूसरे से ना मिल सकें। इस बारे में खुफिया एजेंसी ने नाबालिग न्याय बोर्ड और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी जानकारी दी है।

दोनों युवक दिल्ली के मजनूं का टीला इलाके में स्थित विशेष सुधार गृह में सजा काट रहे हैं। खुफिया एजेंसी को पता चला कि दोनों का एक-दूसरे के साथ बीते दिनों में संपर्क काफी बढ़ गया था।

यह जानकारी खुफिया सूत्रों और संबद्ध अधिकारियों द्वारा किए गए सर्वे से हासिल हुई है। दिल्ली हाईकोर्ट धमाके में दोषी युवक जम्मू के किश्तवाड़ का रहने वाला है। एजेंसियों को शक है कि वह निर्भया मामले में दोषी युवक को जिहाद में शामिल करने के लिए प्रभाव डाल रहा है। बलात्कार का दोषी युवक इस साल के अंत में २१ दिसंबर को सुधार गृह से अपनी सजा खत्म कर बाहर निकलने वाला है।

कुछ हफ्ते पहले ही खुफिया एजेंसियों ने अपनी यह रिपोर्ट साझा की है। उसके बाद ही विशेष सुधार गृह ने दोनों दोषियों को एक-दूसरे से अलग रखने का पुख्ता इंतजाम किया।

इस आशंका के आधार के बारे में पूछे जाने पर आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ये खुफिया जानकारियां हैं जिन्हें हम साझा नहीं कर सकते हैं। हमें अपने सूत्रों से यह जानकारी मिली।’ एक सूत्र ने हमें बताया कि हाईकोर्ट धमाके के दोषी युवक ने किश्तवाड़ स्थित अपने घर और अन्य जानने वालों को जो फोन किए उन्हें शायद रिकॉर्ड किया गया होगा |

सपधार गृह जाने से इस बात की पुष्टि हो गई है कि दोनों युवकों को अब एक-दूसरे से अलग रखा जा रहा है। सुधार गृह के एक कर्मचारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, ‘पिछले कुछ हफ्तों से दोनों आपस में काफी बातचीत करते हुए दिखाई देते थे, लेकिन अब उन्हें अलग-अलग हिस्सों में रखा जा रहा है।’
हाईकोर्ट धमाके में शामिल युवक को पिछले साल ही विशेष सुधार गृह में ३ साल सजा काटने की सजा सुनाई गई थी। ७ सितंबर २०११ को दिल्ली हाईकोर्ट में हुए बम धमाके में १५ लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि ७९ लोग घायल हो गए थे। एनआईए ने युवक को मीडिया समूहों को धमाके की जिम्मेदारी लेने के लिए ईमेल भेजने का दोषी पाया था। ईमेल में अफजल गुरु को फांसी पर लटकाए जाने की स्थिति में देश की अन्य कई अदालतों में धमाके करने की धमकी दी गई थी।
युवक को कई गंभीर मामलों में अपराधी पाया गया था। उसके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध जैसी स्थिति में शामिल होने, हत्या, धमाकों और गैरकानूनी गतिविधियों में अपनी इच्छा से शामिल होने का भी अपराध साबित हुआ।
एनआईए ने मार्च २०१२ में धमाके में शामिल ६ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इनमें वसीम अकरम मलिक, अमीर अब्बास देव और यह नाबालिग भी शामिल था। मलिक और देव को सितंबर २०११ में पकड़ा गया था। इस मामले में मलिक का भाई और हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी जुनैद अकरम मलिक, शाकिर हुसैन शेख उर्फ छोटा हाफिज और आमिर कमाल भी आरोपी हैं। मलिक फरार है और बाकी के दोनों २० दिसंबर २०१२ को सुरक्षा एजेंसियों के साथ किश्तवाड़ जिले में हुए एक मुठभेड़ में मारे गए थे।

निर्भया बलात्कार मामले में शामिल युवक के बारे में दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि वह सबसे ज्यादा नृशंस तरीके से बलात्कार मे शामिल था, लेकिन अपराध किए जाने के समय वह नाबालिग था इसलिए उसे ३ साल सुधार गृह में बिताने की सजा सुनाई गई थी।

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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