कच्छ के मांडवी ताल्लुका में इस साल नवरात्रि के दौरान आयोजित गरबा महोत्सवों में मुस्लिमों के घुसने पर पाबंदी लगा दी गई है। एक स्थानीय हिंदू संस्था, हिंदू संगठन युवा मोर्चा और स्थानीय गरबा आयोजकों ने कई तरह के प्रतिबंधों की घोषणा की है।
संगठन के अध्यक्ष रघुवीरसिंह जडेजा ने इन प्रतिबंधों के विषय में जानकारी देते हुए बताया, ‘हमने पिछले साल भी गैर-हिंदू लोगों के गरबा महोत्सव में घुसने पर पाबंदी लगाई थी, लेकिन इस साल ये प्रतिबंध अधिक कड़ाई और जाहिरी तौर पर लागू किए गए हैं।’
इन प्रतिबंधों को न्यायसंगत बताते हुए जडेजा ने कहा, ‘नवरात्रि एक धार्मिक त्योहार है जिसमें भक्त ९ दिनों तक देवी की पूजा करते हैं। हम लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर भी काफी चिंतित हैं।’
हालांकि यह संगठन और गरबा आयोजक इन प्रतिबंधों को लागू करने को लेकर काफी सख्त हैं, लेकिन गौर करने लायक बात यह है कि माांडवी का यह तटीय इलाका, जो कि सदियों पुराने लकड़ी के नाव बनाने के अपने उद्योग के लिए मशहूर है, में कभी भी सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई। यहां मुस्लिमों की तादाद काफी ज्यादा है और ज्यादातर मुस्लिम नाव बनाने के कारोबार से जुड़े हुए हैं।
जडेजा ने बताया कि उनके संगठन के कार्यकर्ता सभी गरबा महोत्सवों में जाकर तलाशी लेंगे और इस बात को पुख्ता करेंगे कि आयोजन स्थल के अंदर किसी मुस्लिम की उपस्थिति नहीं है। सूत्रों ने बताया कि जडेजा के पास एक निजी फाइनैंसिंग बिजनस है और उन्होंने एक साल पहले ही अपना संगठन बनाया है। यह संगठन विश्व हिंदू परिषद से काफी नजदीक से जुड़ा है।
मांडवी ताल्लुका में लगभग ६ बड़े गरबा महोत्सव आयोजित होने हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स