श्रावण कृ ६, कलियुग वर्ष ५११४
मुंबई, ८ जुलाई (संवाददाता) – ‘कलसे आरंभ होनेवाले वर्षाकालीन अधिवेशनमें महाराष्ट्र शासनद्वारा (अंध)श्रद्धा निर्मूलन विधेयक लागू करनेकी संभावना अल्प ही है । इस कानूनके विषयमें सभी ओरसे आपत्तियां उठाई जा रही हैं । फिर भी इन आपत्तियोंको दबाकर शासनद्वारा विधानसभामें विधेयक प्रस्तुत किया गया, तो हम सब विपक्षके विधायक उस विधेयकका तीव्र विरोध करेंगे,’ ऐसा दृढ निश्चय आज विधानसभाके विपक्षी नेता श्री. एकनाथ खडसेद्वारा एक प्रश्नका उत्तर देते समय प्रस्तुत किया गया । वे आज वर्षाकालीन अधिवेशनकी पूर्व संध्यापर विपक्षद्वारा आयोजित पत्रकार परिषदमें बोल रहे थे ।
उस समय दैनिक ‘सनातन प्रभात’के संवाददाताद्वारा पूछे गए प्रश्नोंको श्री. खडसे एवं विपक्षके अन्य नेताओंने उत्स्फूर्त उत्तर दिए ।
दैनिक ‘सनातन प्रभात’के संवाददाताने पूछा कि, ‘हालहीमें बंदी बनाया गया अबू जिंदाल अकेला ही जिहादी आतंकवादी नहीं है । महाराष्ट्रमें बडी संख्यामें आतंकवादियोंका तंत्र कार्यरत है एवं उनका पक्ष लेते हुए महाराष्ट्र आतंकवादविरोधी पथकद्वारा जानबूझकर ‘हिंदु आतंकवाद’की संकल्पना निर्माण कर जनताको भ्रमित करनेका प्रयास किया गया है, ऐसा आरोप ‘राष्ट्रीय हिंदु विधिज्ञ परिषद’ने सार्वजनिक रूपसे पत्रकार परिषदमें किया है । क्या इस विषयमें विपक्ष आवाज उठाएगा । ?‘ इस प्रश्नका उत्तर देते समय श्री. खडसे एवं श्री. विनोद तावडे बोले कि, ‘इस प्रकारका आतंकवादियोंका तंत्र महाराष्ट्रमें कार्यरत है ,’ इस विषयमें महाराष्ट्र शासनको उत्तर देनेके लिए विवश करेंगे तथा इस विषयमें हमें ‘राष्ट्रीय हिंदु विधिज्ञ परिषद’ यदि प्रमाण प्रस्तुत करे तो शासनके साथ कठोर कार्यवाही करेंगे ।
‘राष्ट्रीय शैक्षणिक संशोधन एवं प्रशिक्षण संस्था ( एनसीईआरटी )के अभ्यासक्रममें डॉ. बाबासाहब अंबेडकरका अनादर किया गया है; इसलिए पाठ्यपुस्तक निरस्त करनेका निर्णय शासनद्वारा लिया गया । इसी पाठ्यपुस्तकमें छत्रपति शिवाजी महाराजका इतिहास केवल चार पंक्तियोंमें प्रस्तुत कर उनका अनादर किया गया है । क्या डॉ. अंबेडकरके समान छत्रपति शिवाजी महाराजको न्याय प्राप्त होगा ? यह प्रश्न दैनिक ‘सनातन प्रभात’के संवाददाताद्वारा पूछा गया, तो शिवसेनाके नेता श्री. सुभाष देसाईने उत्तर दिया, ‘निश्चित ही हम यह विषय इस अधिवेशनमें प्रस्तुत करेंगे ।’
(अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानून जैसे निरर्थक विधेयकके लिए निरंतर ही हमारा विरोध रहेगा ! – एकनाथ खडसे, विपक्षकेनेता, महाराष्ट्र विधानसभा
‘हिंदु धर्मकी प्रथा, परंपरा, श्रद्धाओंको अपराध कहने वाले ‘(अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानून’को वारकरी एवं धार्मिक संगठनोंद्वारा तीव्र विरोध किया गया है । वारकरी बंधओंद्वारा मुख्यमंत्री ऐसी चेतावनी दी गई है कि, यह कानून पारित करनेपर पंढरपुरमें पांडुरंगकी पूजाके लिए नहीं आएं ।’ वारकरी बंधुओंकी भावनाएं ध्यानमें रखकर क्या विपक्षी दल भी इस काूननका विरोध करेंगे’, यह प्रश्न दैनिक ‘सनातन प्रभात’के संवाददाताद्वारा पूछे जानेपर श्री. एकनाथ खडसेने उत्तर दिया,
१. (अंध)श्रद्धा निर्मूलन विधेयक पहलेसे ही संयुक्त अध्ययन समितिके पास गया था, उस समय इस विधेयकके विषयमें अनेक आपत्तियां उठाई गई थी ।
२. विधेयकमें अभी भी अनेक त्रुटियां हैं । यदि शासनद्वारा यह विधेयक अधिवेशनमें बलपूर्वक प्रस्तुत किया गया, तो हम उसकी त्रुटियां शासनके निदर्शनमें लाएंगे एवं उसे विरोध करेंगे ।
३. इस महत्त्वपूर्ण विधेयकपर शासनद्वारा आजतक एक भी बैठकआयोजित नहीं की गई है ।
४. यह विधेयक निरर्थक है एवं हम सभी निरंतर उसे विरोध ही करेंगे ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात