नासिक – गत २६ वर्षोंसे सनातन संस्था सनातन धर्म तथा संस्कृती का प्रचार एवं रक्षा कर रही है । संस्था श्रद्धालुआें को सनातन धर्मका सिद्धांत वैज्ञानिक भाषा में बताने का प्रयास कर रही है । सनातन संस्कृती अर्थात आचार-विचार, आहार-विहार, पेहराव, केशरचना आदि का महत्त्व धर्मसत्संग, संस्कारवर्ग, ग्रंथमालिका आदि के माध्यमसे बतानेका प्रयास कर रही है । सनातन संस्था हिंदुत्वकी रक्षा हेतु हिंदू धर्मके विविध पंथ, संप्रदाय, आध्यात्मिक संस्था तथा संपूर्ण भारत के हिंदुत्वनिष्ठ संघटनाआें को संघटित करनेका प्रयत्न कर रही है । हिंदू देवता आैर धर्म इनका अनादर रोकने का कार्य भी करती है । इसिलिए संपूर्ण देशमें धर्मपर श्रद्धा रखनेवाले लाखो श्रद्धालुआें के लिए सनातन संस्था एक मार्गदर्शक केंद्र बनी है, एेसा प्रतिपादन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वतीजी ने यहा आयोजित पत्रकार परिषद में किया । सरकारने गोदावरी में मानसरोवर का जल छोडने की कृती अशास्त्रीय थी, एेसा आरोप भी उन्होंने किया ।
उन्होंने आगे कहा, एेसी स्थितीमें नास्तिकतावादी, तथाकथित बुद्धीजीवी, तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी शक्ती सनातनका कार्य रोकने हेतु प्रयास कर रहे है । एेसे समय संस्थापर पाबन्दी लगानेकी मांग करना, अर्थात हिन्दू धर्मपर किया हुआ प्रहार ही है । हिन्दू धर्म का प्रसार-प्रचार करनेवाली संस्थापर प्रतिबन्ध लाना, यह धर्मविरोधी शक्तीयोंका षड्यंत्र है; इसिलिए पश्चिमाम्नाय द्वारकापीठ एवं उत्तराम्नाय ज्योतिषपीठ की आेर से मै घोषित करता हूं की, सनातन संस्थापर प्रतिबंद लगानेका षड्यंत्र हम सफल नहीं होने देगे । मुंडकोपनिषद में सत्यमेव जयति एेसे कहा गया है । इस धर्मवचनपर हमारी पुरी श्रद्धा है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात