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पाक में हिंदूओं के अधिकारों का हो रहा हनन

पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के अधिकारों के हनन पर अमेरिकी सांसदों ने गहरी चिंता जताई है। कई प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में खास तौर पर अल्पसंख्यक हिंदुओं के मानवाधिकार की खराब होती स्थिति एक चिंता का विषय है।

अमेरिकी संसद में इसी हफ्ते सिंध में मानवाधिकार पर ब्रीफिंग के दौरान सांसद लोरेटा सांचेज ने आरोप लगाया कि सिंध प्रांत में हिंदू समुदाय अपनी औरतों के जबरन इस्लाम में धर्मांतरित करने के लगातार अंदेशे में जीता है। प्रतिनिधि सभा के सिंध कॉकस की सह-अध्यक्ष लोरेटा ने कहा कि भयावह मानवाधिकार उल्लंघनों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं एवं असंतुष्टों के लापता होने एवं हत्या किए जाने, हिंदू महिलाओं के जबरन धर्मांतरण और धार्मिक उग्र हिंसा जैसे अन्य अपराध के बढ़ने से सिंध अब मानवीय संकट में है।

अमेरिकी सांसदों और संसदकर्मियों को सिंध प्रांत के मौजूदा हालात की जानकारी देते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता हसन मुज्तबा ने कहा कि मदरसों में इजाफा सांप्रदायिक समूहों के लिए पनाहगाह बन रहा है। मुज्तबा ने आरोप लगाया, हाफिज सईद और उनकी जमात-उत-दावा को सिंध प्रांत में खास कर भारत से लगे थार रेगिस्तान के इलाकों में अपनी आतंकी सरगर्मियां चलाने की खुली छूट दे दी गई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सईद के संगठन ने अवैध रूप से थरपरकार जिले के मिठी में एक महिला कॉलेज की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है, जहां एक मदरसा बनाया गया है। डिपलो, नगरपारकर, मिठी जैसे जिलों और सिंध के अन्य हिस्सों में सामाजिक कल्याण संगठन की आड़ में मस्जिदों का प्रबंधन किया जा रहा है।

स्त्रोत : लाईव हिंदुस्तान

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